दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बाइनेंस (Binance) दोबारा भारत आने की तैयारी में है. बाइनेंस को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था. लेकिन अब लगभग 2 मिलियन डॉलर यानी लगभग 17 करोड़ रुपए का जुर्माना भरने के बाद बाइनेंस भारत में वापस लौटने के लिए तैयार है. क्रिप्टो एक्सचेंज वित्त मंत्रालय की फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के पास रजिस्टर होगी.
कंपनी के ऊपर क्या हैं आरोप?
गौरतलब है कि जनवरी में, कंपनी के ऊपर वर्चुअल डिजिटल एसेट टैक्सेशन नियमों के उल्लंघन का आरोप था, जिसके चलते इसे भारत में बैन कर दिया गया था. अब कंपनी को वापसी के लिए वर्चुअल डिजिटल एसेट टैक्सेशन नियमों का पालन करना पड़ेगा. साथ ही कंपनी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानूनों का भी पालन करेगी. बैन से पहले बाइनेंस के पास भारतीय नागरिकों की अनुमानित 4 बिलियन डॉलर क्रिप्टो होल्डिंग्स का लगभग 90 फीसद हिस्सा था. अब यह 20 लाख डॉलर की पेनाल्टी भरने के बाद भारत आ रहा है
दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज
एफआईयू को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) में व्यापार पर नजर रखने का काम सौंपा गया है. इसके तहत बाइनेंस सभी कानूनों का अनुपालन करेगा, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानूनों के साथ-साथ वीडीए टैक्सेशन स्ट्रक्चर शामिल हैं. गौरतलब है कि संपत्ति होल्डिंग्स और डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर बाइनेंस दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज है. कॉइनमार्केटकैप के अनुसार, बुधवार को शाम 7 बजे IST पर ख़त्म हुए कारोबारी सत्र तक यह 22 बिलियन डॉलर का व्यापार किया, जो वैश्विक वॉल्यूम का 25% है.
भारतीय बाजार में क्रिप्टो रिकॉर्ड हाई पर
बाइनेंस पर प्रतिबंध के बाद, भारतीय क्रिप्टो निवेशकों का एक बड़ा हिस्सा अपनी हिस्सेदारी को कॉइनडीसीएक्स, वज़ीरएक्स सहित अन्य भारतीय एक्सचेंजों में ट्रांसफर कर दिया. क्रिप्टोकरेंसी उद्योग के अधिकारियों भी इसकी जांच नहीं चाहते थे क्योंकि उन्हें डर था कि उनका बड़ा निवेश ख़त्म हो जाएगा. बाजार के एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाइनेंस की वापसी बाजार में निवेश बढेगा. भारतीय बाजार में बाइनेंस की वापसी ऐसे समय में हो रही है जब बिटकॉइन और एथेरियम जैसे क्रिप्टो रिकॉर्ड हाई पर हैं.