सेंट्रल अमेरिका के एक छोटे से देश में आज रात से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को सामान की खरीदारी के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे. तकरीबन 65 लाख लोगों की आबादी वाले अल सेल्वाडोर में ये मुमकिन हो. अल सेल्वाडोर सेंट्रल अमेरिका में ऐसा पहला देश होगा जहां कानूनी तौर पर क्रिप्टोकरेंसी को वैधता दी जाएगी.
देश के राष्ट्रपति नायब बुकेले मानते हैं बिटकॉइन को वैधता देने वाला बिल पास होने की 100 फीसदी संभावना है.
अपने ट्विटर के जरिए नायब ने जानकारी दी है कि देश में इस प्रस्ताव पर चर्चा जारी है.
नायब ने ट्विटर स्पेसेस पर हो रही एक चर्चा में कहा है कि इस बिल पर चर्चा जारी है. उन्होंने कहा है कि बिल पास होने पर इसे लागू करने में कोई देरी नहीं की जाएगी. अल सेल्वाडोर की संसद में उनकी पार्टी ‘न्यू आइडियाज’ का 84 सीटों में से 64 सीटों पर कब्जा है – यानी बहुमत उनके पक्ष में है और प्रस्ताव को मंजूरी मिलने में दिक्कत नहीं होगी.
पिछले हफ्ते दिए थे संकेत
गौरतलब है कि नायब बुकेले ने पिछले हफ्ते शनिवार को मियामी बिटकॉइन कॉन्फ्रेंस में इसके संकेत दिए थे. उन्होंने तब कहा था कि वे इस हफ्ते देश की कांग्रेस को क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर प्रस्ताव भेजेंगे.
उन्होंने तब कहा था कि इस फैसले से देश में रोजगार के मौके मिलेंगे और फाइनेंशियल इन्क्लूजन में उन हजारों लोगों को जोड़ा जा सकेगा जो फॉर्मल इकोनॉमी से बाहर हैं. अल सेल्वाडेर में अमेरिकी डॉलर ही आधिकारिक मुद्रा है.
क्यों लिया गया ये फैसला?
इस देश की एक चौथाई आबादी अमेरिका में रहती है और पिछले साल महामारी के बावजूद उन्होंने 6 अरब डॉलर अल सेल्वाडोर में भेजे हैं.
नायब का कहना है कि पैसों के इस ट्रांसफर का बड़ा हिस्सा मध्यस्थों को चला जाता है और बिटकॉइन से लाखों ऐसे परिवारों को मदद मिलेगी जो कम आय वर्ग में आते हैं.
उन्होंने कहा था कि अल सेल्वाडोर की 70 फीसदी आबादी के पास अब तक बैंक खाता नहीं है और वे इनफॉर्मल इकोनॉमी का हिस्सा हैं. बिटकॉइन से उन्हें उम्मीद है कि फाइनेंशियल इन्क्लूजन में मदद मिलेगी.