बिटकॉइन की कीमतों (Bitcoin Price ) में जोरदार गिरावट दर्ज की गई है. केवल 5 मिनट में इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में 2000 डॉलर (करीब 1,46,691 रुपए) की भारी गिरावट दर्ज की गई है. दरअसल बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बढ़ रही अनिश्चितता के चलते केवल 5 मिनट में बिटकॉइन की कीमतें 59,350 डॉलर से घटकर 57,000 डॉलर के करीब आ पहुंची. नॉमिक्स के डाटा के मुताबिक इस गिरावट के बावजूद क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप अबतक 2.4 फीसदी बढ़कर 1.92 ट्रिलियन डॉलर जा पहुंचा है.
1 अप्रैल के कीमतों की बात करें तो क्वाइनडेस्क पर 1 बिटकॉइन की कीमत वापस 59,000 डॉलर के करीब पहुंच गई है. वहीं बीते 24 घंटों की बात करें तो बिटकॉइन की अधिकतम कीमत 59,934 डॉलर और न्यूनतम कीमत 56,000 डॉलर के करीब दर्ज की गई है.
निवेशकों को मिल चुका है बेस्ट रिटर्न
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, इरेडियम करेंसी ने साल 2021 में गोल्ड, शेयर बाजार और बिटक्वॉइन के मुकाबले सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है. जनवरी से लेकर अब तक इसके रेट में 131 फीसदी का उछाल आया है जबकि बिटक्वॉइन में 85 फीसदी की तेजी आई है. इरेडियम प्लैटिनियम और पैलेडियम का बाइ-प्रोडक्ट है. सप्लाई में कमी के कारण इसके रेट में बहुत ज्यादा उछाल आया है. इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन, रिफाइनर बनाने में होता है.
आगे कहां तक जा सकती है कीमतें
बाजार के जानकारों का कहना है कि बिटकॉइन साल 2021 के समाप्त होते-होते 100000 डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है. टेस्ला, एलन मस्क, मास्टर कार्ड जैसी कंपनियों ने इस क्रिप्टोकरेंसी में अपना भरोसा दिखाया है. उसके बाद से इसकी कीमत में बेतहाशा तेजी आई है.
क्या होता है बिटकॉइन
बिटकॉइन भी एक क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सातोशी नकामोति ने 2008 में बनाया था. हालांकि आजतक यह नहीं पता चल पाया है कि सातोशी नकामोति कौन है. इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था. इसको कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है.भारत में रिजर्व बैंक ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाज़त दे दी है. यानी भारत में भी बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त हो सकती है.