क्रिप्टोकरेंसी की चाल का अंदाजा लगाना किसी के बस में नहीं. एक दिन अर्श पर तो दूसरी दिन कहां, कोई अनुमान लगाना मुश्किल है. आज ही सबसे ज्यादा प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने 21 फीसदी की गिरावट देखी है. फिलहाल इसमें रिकवरी आई है और ये 37 हजार डॉलर के करीब पहुंच गया है (27.10 लाख रुपये).
बिटकॉइन आज 30,269 डॉलर तक फिसला – रुपये में ये कीमत आती है 22.17 लाख के करीब. वहीं दिन की शुरुआत में इसका भाव 43,560 अमेरिकी डॉलर था – भारतीय करेंसी में 31.9 लाख रुपये. यानी सिर्फ एक दिन में बिटकॉइन तकरीबन 6 लाख रुपये सस्ता हो गया है.
बिटकॉइन के बाद का सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी एथेरियम भी 27 फीसदी टूटा है. इसका भाव 3566 डॉलर से घटकर 2421 डॉलर के करीब आ गया है.
इस बड़ी गिरावट के बीच बिटकॉइन ट्रेडर्स ने कॉइनबेस और कॉइनमार्केट जैसे प्लेटफॉर्म पर टेक्निकल दिक्कतों को लेकर शिकायत की है. सोशल मीडिया पर लोगों ने शिकायत करते हुए लिखा है कि ऐसी गिरावट में इस तरह की दिक्कत से छोटे निवेशकों को दिक्कत हो रही है.
चीन ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वहां के सभी वित्तीय संस्थानों और पेमेंट कंपनियों से क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ट्रांजैक्शन करने से रोक लगा दी है. इसके अलवा चीन ने निवेशकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग में स्पेकुलेशन को लेकर भी चेतावनी जारी की है.
चीन के वित्तीय संस्थान क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा कोई रजिस्ट्रेशन, ट्रेडिंग, सेचलमेंट नहीं कर सकेंगे. बयान में कहा गया है कि स्पेकुलेटिव होने की वजह से क्रिप्टोकरेंसी में बहुत तेजी आई है जिससे लोगों के पैसों पर जोखिम बढ़ा है.
भारत में भी कई बैंकों ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ट्रांजैक्शन से हाथ पीछे खीचे हैं.
बिटकॉइन में गिरावट का सिलिसला पिछले कुछ दिनों से जारी है. दरअसल एलन मस्क के एक ट्वीट से इसकी शुरुआत हुई थी जिसमें उन्होंने बिटकॉइन के एनर्जी कंजंप्शन को लेकर चिंता जाहिर करते हुए टेस्ला की गाड़ियों के लिए बिटकॉइन का ट्रांजैक्शन लेना बंद करने का ऐलान किया था.
एलन का कहना था कि वे किसी ऐसी क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा नहीं दे सकते जिससे फॉसिल फ्यूल की खपत बढ़े और कार्बन उत्सर्जन में बढ़ोतरी हो. उनके इसी ट्वीट और ऐलान के बाद एक दूसरी क्रिप्टोकरेंसी चिया, जिसे कम एनर्जी खपत वाला माना जाता है, उसमें तेजी देखने को मिली थी.
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