Delhi: कोरोना की चौथी लहर का मुकाबला कर रही दिल्ली में एक दिन में 13,500 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार की कोविड-19 की लहर में बच्चे और युवा भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. इसकी के मद्देनजर उन्होंने CBSE (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन) से मांग की है कि वे ऑफलाइन परीक्षाएं रद्द करें. इस मांग के पीछे केजरीवाल ने कहा कि ऑफलाइन परीक्षाएं होने से स्कूल कोरोना हॉटस्पॉट बन सकते हैं – किसी एक के भी संक्रमित होने से अन्य के लिए खतरा होगा.
दिल्ली (Delhi) में 6 लाख छात्र CBSE बोर्ड परीक्षाओं (CBSE Exam) के लिए बैठेंगे तो वहीं 1 लाख अध्यापकों की इसमें भागीदारी होगी. केजरीवाल के मुताबिक ऐसी स्थिति में परीक्षा केंद्र हॉटस्पॉट बन सकते हैं.
केजरीवाल ने कहा कि बच्चों की सेहत और सुरक्षा के लिए वे केंद्र सरकार से CBSE परीक्षाएं रद्द कराने की अपील करते हैं. उन्होंने कहा कि या तो परीक्षाएं ऑनलाइन जैसे किसी माध्यम से हों या बच्चों की इंटरनल मार्किंग की जाए. कई देशों में परीक्षाएं रद्द की गई हैं और भारत में भी कई राज्यों ने एग्जाम रद्द किए हैं.
Delhi CM केजरीवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार की लहर में 65 फीसदी मरीज 45 वर्ष से कम के हैं. उन्होंने कहा, “युवाओं पर परिवार की जिम्मेदारियों ज्यादा हैं, घर से निकलना पड़ता है – आजीविका के लिए. लेकिन घर से तभी निकलें जब जरूरी हों, कोरोनो से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करें. जो लोग 45 वर्ष से ऊपर हैं वे तुरंत जाकर वैक्सीन लगवाएं. कई सरकारी अस्पताल चौबीसों घंटे वैक्सीन की सुविधा दे रहे हैं और सरकारी सेंटर्स में वैक्सीन मुफ्त में लगाई जा रही है.”
केजरीवाल ने कहा कि सरकार लॉकडाउन नहीं लगाना चाहती और फिलहाल दिल्ली (Delhi) में हेल्थ इंफ्रा को काबू में रखने पर फोकस है. कई होटलों और बैंकट हॉल को हेल्थ इंफ्रा में जोड़ने का काम हो रहा है. बेड की क्षमता बढ़ा रहे हैं और कुछ अस्पतालों को पूरी तरह सिर्फ कोविड-19 के लिए रखा गया है. बढ़ते मामलों के बीच अस्पताल में सिर्फ गंभीर मरीज रखे जाएंगे.
उन्होंने कहा, “जो कोविड-19 के अलावा किसी बीमारी से ग्रस्त हैं – सर्जरी है तो उसे टाल सकते हैं तो टाल दें. इमरजेंसी सेवाओं के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं. अस्पताल की मैनेजमेंट की कड़ाई करनी होगी. अगर कोई मरीज घर पर ठीक हो सकते हैं तो उनसे अनुरोध है कि वे घर पर ही क्वारंटीन हों. घर पर क्वारंटीन के वक्त भी उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा, फोन कर सेहत का हालचाल लिया जाएगा.”
दिल्ली मुख्यमंत्री ने कहा, “पिछली बार जब कोरोना हुआ था तो सभी ने बढ़चढ़कर प्लाज्मा दान किया. पिछले कुछ महीनों में बीमार होकर ठीक हुए हैं तो प्लाजमा डोनेट करें ताकि आपके प्लाज्मा से किसी और को बचाया जा सके. दिल्ली वालों को एक परिवार की तरह काम करना होगा – चौथी लहर का भी डंटकर सामना करेंगे.”
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