One Year Of Lockdown: देश के दस राज्यों में किए गए एक अध्ययन के अनुसार ग्रामीण समुदायों के लिए कोविड-19 लॉकडाउन के बाद आय और आजीविका में कमी सबसे प्रमुख चिंता का विषय है. इंडियन स्कूल ऑफ डेवलपमेंट मैनेजमेंट (ISDM) और गैर सरकारी संगठन आईआईएमपीएसीटी (IIMPACT) द्वारा किया गया अध्ययन राजस्थान, हरियाणा, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 900 से अधिक गांवों में 4,800 से अधिक घरों में किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है.
‘कोविड बाद परिप्रेक्ष्य में उभरती चुनौतियां’ नामक अध्ययन के अनुसार महामारी के दौरान और 2020 के लॉकडाउन चरण (Lockdown Phase) में ग्रामीण भारत के समुदायों के लिए आय और आजीविका में कमी, भोजन एवं पेयजल की उपलब्धता और बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव जैसे विषय शीर्ष तात्कालिक चिंता रहे हैं.
अध्ययन में कहा गया है, ‘‘केवल 17 प्रतिशत लोग ही लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान अपनी नौकरी या आय के प्राथमिक स्रोत को बचा पाए. 96 प्रतिशत चार महीने से ज्यादा आजीविका का कोई ठोस इंतजाम नहीं कर पाए. कम से कम 15 प्रतिशत परिवारों की पहचान उलट प्रवास के रूप में हुई जिससे सामाजिक-आर्थिक ढांचे को नुकसान पहुंच सकता है.’’
इसके अनुसार, ‘‘प्रत्येक दस घरों में से चार घर दूसरों की मदद के बिना एक महीने भी खुद अपना भरण-पोषण करने में विफल रहे और इन राज्यों में ग्रामीण समुदायों में से लगभग प्रत्येक तीसरे स्नातक ने घरेलू सहायक, दिहाड़ी मजदूर/प्रवासी मजदूर के रूप में काम किया.’’
अध्ययन में संबंधित चुनौतियों के समाधान संबंधी नीति लाने का सुझाव दिया गया है.