Zee-Sony Deal: जी एंटरटेनमेंट ने सोनी ग्रुप के साथ 10 अरब डॉलर की मर्ज डील के रद्द हो जाने के एक महीने बाद उस समझौते को बहाल करने के लिए सोनी से संपर्क किया है. उद्योग सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि जापानी मीडिया कंपनी सोनी ग्रुप ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ज़ेडईईएल) के साथ प्रस्तावित विलय सौदे को जनवरी में रद्द कर दिया था. इसके लिए विलय से जुड़ी शर्तों का पालन न करने को वजह बताया गया था.
सोनी से दोबारा संपर्क
इसके करीब एक महीने बाद जी एंटरटेनमेंट की तरफ से सोनी से दोबारा संपर्क साधा गया है. एक सूत्र ने कहा कि जी एंटरटेनमेंट ने सोनी से विलय समझौता रद्द करने के फैसले पर दोबारा विचार करने और इस समझौते पर फिर से बातचीत करने का प्रस्ताव रखा है.
सूत्र के मुताबिक, जी एंटरटेनमेंट की तरफ से आए इस प्रस्ताव पर सोनी ग्रुप विचार भी कर रहा है. हालांकि अब तक इसे लेकर कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. सोनी पिक्चर नेटवर्क्स इंडिया को भेजे गए ईमेल का तत्काल कोई जवाब नहीं मिल पाया है. वहीं ज़ी समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन होने से कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है.
दिसंबर, 2021 में 10 अरब डॉलर की डील
गौरतलब है कि जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर के बीच दिसंबर, 2021 में 10 अरब डॉलर का विलय समझौता हुआ था. इस सौदे को दो साल के भीतर पूरा करना था लेकिन एक महीने का विस्तार मिलने के बावजूद इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. ऐसे में सोनी पिक्चर ने 22 जनवरी को यह समझौता अपने स्तर पर रद्द करने का ऐलान कर दिया था. यह समझौता पूरा होने की स्थिति में नई इकाई भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी होती.
जी एंटरटेनमेंट ने नहीं छोड़ी उम्मीद
एक अन्य सूत्र ने कहा कि जी एंटरटेनमेंट ने विलय सौदा हमेशा के लिए खत्म हो जाने की उम्मीद कभी नहीं छोड़ी और इसी वजह से उसने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का भी रुख किया था. सूत्र ने कहा, ‘अब गेंद सोनी के पाले में है. अगर सौदे को बहाल करना है तो उन्हें इस प्रस्ताव पर जवाब देने की जरूरत है.’
दोनों कंपनियों के एक-दूसरे के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू करने के बाद समझौते पर नए सिरे से पहल की गई है. जहां सोनी ने सिंगापुर स्थित मध्यस्थता केंद्र में नौ करोड़ डॉलर का दावा किया हुआ है वहीं जी एंटरटेनमेंट ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष सौदा संपन्न करने का निर्देश देने की अर्जी लगाई हुई है.