डिजिटल युग में बहुत सा काम ऑटोमेटिक और मशीनों से होने लगा है. नतीजन नौकरियां कम हो रही हैं. रमेश इस बात को लेकर काफ़ी परेशान हैं और उन्होंने हाल ही में आई जॉब स्पीक इंडेक्स की एक रिपोर्ट भी देख ली जिसने इस परेशानी में इज़ाफ़ा कर दिया है. इसमें बताया गया है कि देश के कई सेक्टर में नौकरी मिल पाना कितना मुश्किल हो गया है. रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि IT, Retail, BPO, Education, FMGC जैसे सेक्टर्स में व्हाइट कॉलर हायरिंग यानि ऑफिस में काम करने वाले ऐसे लोग जो मैनेजमेंट का हिस्सा होते हैं, उन नौकरियों में कमी आ रही है. सिर्फ जून महीने में ही व्हाइट कलर जॉब की हायरिंग में 3 फीसदी की कमी आई है. पिछले साल के मुकाबले जून में 2795 जॉब हायरिंग निकली है जबकि जून 2022 में ये आंकड़ा 2,878 पर था. आईटी सेक्टर में पिछले साल के मुकाबले जॉब में 31 फीसदी गिरावट आई है.
हालांकि कुछ सेक्टर ऐसे भी हैं जिनमें नौकरियां बढ़ी भी हैं. जैसे ऑइल एंड गैस सेक्टर. इस सेक्टर की हायरिंग में एक साल में 40 फीसदी की ग्रोथ देखी गई है. फार्मा सेक्टर में में भी हायरिंग में तेज़ी रही. इसमें 14 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई.
खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि Xiaomi India अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रहा है। द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या घटाकर 1,000 से कम करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि ये कंपनी आंतरिक पुनर्गठन का हिस्सा है.
उधर सियासी हलकों में पारा बढ़ा देने वाले घोटाले जमीन के बदले नौकरी में CBI ने नई चार्ज शीट में तेजस्वी यादव का भी नाम शामिल कर दिया है. इस घोटाले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत 17 लोगों के नाम शामिल हैं. तेजस्वी के अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पहले ही दाखिल की जा चुकी है. याद हो मामला 2004 से 2009 के बीच का है. जब लालू प्रसाद यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि इस समय भारतीय रेलवे के अलग- अलग क्षेत्रों में ग्रुप ‘डी’ पदों पर लोगों की नियुक्ति हुई थी और इसके बदले में इन लोगों ने लालू परिवार के सदस्यों और लाभार्थी कंपनी ‘एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ को अपनी जमीन ट्रांसफर की थी.