भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग का समय बढ़ाने का मुद्दा फिर से चर्चा में है. इस बार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ और एमडी आशीष चौहान ने ट्रेडिंग का समय बढ़ाने की बात कही है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने ट्रेडिंग का समय बढ़ाने पर राय के लिए एक्सचेंज के ब्रोकर मेंबर्स के साथ बातचीत शुरू कर दी है. फिलहाल शेयर बाजार में ट्रेडिंग का समय 6 घंटे 15 मिनट का है. कारोबार सुबह 9.15 बजे शुरू होता है और दोपहर बाद 3.30 बजे तक चलता है.
ऐसा पहली बार नहीं है भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग का समय बढ़ाने पर विचार किया है. इससे पहले खबरें आई थी NSE कारोबार को डेढ़ घंटे से बढ़ाकर 5 बजे तक करना चाहता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ आशीष कुमार चौहान ब्रोकर्स के साथ पहले ही बातचीत शुरू चुके हैं. हालांकि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने के पहले एक्सचेंज की ओर इसका प्रस्ताव बाजार नियामक सेबी के पास भेजा जाएगा.
छोटे ब्रोकर नहीं है उत्साहित
हालांकि छोटे ब्रोकर इस बात को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं है. मिंट में छपी खबर के मुताबिक ट्रेडिंग का समय बढ़ने से छोटे ब्रोकर्स का खर्च बढ़ जाएगा. समय बढ़ने की वजह से उन्हें ज्यादा लोगों को काम पर रखना होगा. साथ ही समय बढ़ने से लोग सिर्फ इन्डेक्स डेरिवेटिव में कारोबार कर पाएंगे ना कि स्टॉक फ्यूचर्स में. इससे मुनाफा कमाने की संभावनाएं भी कम हो जाएंगी.
बता दें कि भारतीय शेयर बाजार अमेरिका और यूरोप की दूसरी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और बाजारों में होने वाले हलचल पर प्रतिक्रिया करता है. जिन बाज़ारों में कारोबार के घंटे लंबे होते हैं, वे वैश्विक सूचना प्रवाह की वजह से होने वाले जोखिम से बेहतर ढंग से निपट पाते हैं. सेबी का मानना है कि घरेलू एक्सचेंजों में व्यापार का समय बढ़ाने से घरेलू बाजार सहभागियों को ऐसे वैश्विक सूचना प्रवाह का लाभ उठाने में मदद मिल सकती है.
निवेशकों को होगा फायदा
ट्रेडिंग का समय बढ़ने से वॉल्यूम में बढ़ोतरी होगी, लेकिन स्टॉक की कीमतों पर इसका कोई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. ट्रेडिंग का समय बढ़ाने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे ओवरनाइट बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हो जाएगा. लंबे व्यापारिक घंटों से व्यापारियों को रात भर के बाजार जोखिम को अधिक प्रभावी ढंग से संभालने में मदद मिलेगी.