भारत की शीर्ष तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की दो पेट्रोरसायन संयंत्र स्थापित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना है. इन संयंत्रों में कच्चे तेल को सीधे उच्च गुणवत्ता वाले रासायनिक उत्पादों में बदला जाएगा. कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. ओएनजीसी जैसी कंपनियां समुद्र के नीचे और भूमिगत जलाशयों से कच्चा तेल निकालती हैं, जो ऊर्जा का एक प्राथमिक स्रोत है. इसे तेल रिफाइनरियों में पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) में बदला जाता है.
चूंकि दुनिया जीवाश्म ईंधन से दूर जाने की सोच रही है, इसलिए कंपनियां कच्चे तेल का उपयोग करने के नए रास्ते तलाश रही हैं. पेट्रोरसायन कच्चे तेल से मिलने वाला रासायनिक उत्पाद हैं और इनका इस्तेमाल डिटर्जेंट, फाइबर (पॉलिएस्टर, नायलॉन, ऐक्रेलिक आदि), पॉलिथीन और प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है. ओएनजीसी के दूसरी तिमाही के नतीजों पर आयोजित एक निवेशक वार्ता के दौरान कंपनी की निदेशक (वित्त) पोमिला जसपाल ने कहा कि अलग तेल-से-रसायन (ओ2सी) परियोजनाएं बनाने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक विवरण नहीं दिया.
इस दौरान ओएनजीसी के कार्यकारी निदेशक और संयुक्त उद्यम एवं कारोबार विकास प्रमुख डी अधिकारी ने कहा कि हमारी दो अलग-अलग राज्यों में दो परियोजनाओं में 2028 या 2030 तक 10,000 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना है. उन्होंने कहा कि पेट्रोरसायन क्षमता को 2030 तक 85-90 लाख टन तक बढ़ाने की योजना है.