बैंकिंग रेग्युलेटर (आरबीआई (RBI) उदय कोटक (Uday Kotak) को कोटक महिंद्रा बैंक के बोर्ड में एग्जीक्यूटिव वाइस डायरेक्टर के रूप में दोबारा नियुक्त करने के प्रस्ताव की समीक्षा कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के रूप में पद छोड़ने के बाद 21 अप्रैल को कोटक महिंद्रा बैंक के 99% शेयरधारकों ने उदय कोटक को बैंक के नॉन-एग्जीक्यूटिव नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में दोबारा चुनने के पक्ष में वोटिंग की. बता दें उदय कोटक का कार्यकाल 30 दिसंबर 2023 को खत्म हो रहा है. हालांकि, किसी बैंक के बोर्ड में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स की नियुक्ति के लिए RBI की मंजूरी की जरूरत नहीं होती है लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि क्या ये डायरेक्टर बैंक के बोर्ड में शामिल होने के लिए जरूरी मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं. अगर RBI को लगता है कि नियुक्ति जरूरी मानदंडों को ध्यान में रखकर नहीं की गई है तो वो हस्तक्षेप कर सकता है.अब नियम क्या हैं वो भी समझ लीजिए. बैंकों पर RBI के अप्रैल 2021 के दिशानिर्देशों के अनुसार, जो प्रमोटर्स मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर या पूर्णकालिक निदेशक हैं वो 12 साल से ज्यादा समय तक अपने पदों पर नहीं बने रह सकते है लेकिन RBI चाहे तो कार्यकाल को 15 साल तक बढ़ाया जा सकता है. कार्यकाल बढ़ाने की मंजूरी देते समय RBI यह चेक करता है कि बैंक ने उनके कार्यकाल में कितनी तरक्की की है.
एयर इंडिया के पायलटों की क्या है परेशानी?
एयर इंडिया के पायलटों ने वेतन ढांचे (salary structure) में बदलाव को रोकने के लिए रतन टाटा से दखल की अपील की है. एयर इंडिया के 1500 से ज्यादा पायलटों का आरोप है कि एचआर विभाग उनकी चिंताओं पर ध्यान नहीं दे रहा है. एयर इंडिया ने अपने पायलट और क्रू मेंबर्स के लिए 17 अप्रैल को रिवाइज्ड सैलरी स्ट्रक्चर पेश किया था. जो कि 1 अप्रैल 2023 से लागू होना था पर नए स्ट्रक्चर को पायलटों और क्रू मेंबर्स ने मानने से इनकार कर दिया है. उनका आरोप है कि एयर इंडिया ने श्रम प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया है. और नए कॉन्ट्रैक्ट पर सिग्नेचर कराने से पहले उनसे परामर्श नहीं किया गया है. मैनेजमेंट और क्रू के बीच जारी गतिरोध के समाधान के लिए पायलटों की ओर से रतन टाटा को पत्र लिखकर दखल देने की अपील की गई है. आपको बता दें कि एयर इंडिया और कंपनी के पायलट्स के बीच विवाद का मुद्दा है उड़ान भत्ता जिसे घटाकर 40 घंटे कर दिया गया….कोविड से पहले ये 70 घंटे पर था.
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