देश में जीवन बीमा कंपनियों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2023 में इन कंपनियों के प्रीमियम में 20 फीसद की बढ़त दर्ज हुई है. वित्त वर्ष के अंतिम महीने मार्च में यह बढ़त 35 फीसद रही. जीवन बीमा पॉलिसियों की मांग में यह बढ़त मुख्य रूप से वित्त वर्ष के अंत में देखी गई जिसमें निजी जीवन बीमा क्षेत्र विजेता बनकर उभरा है. लेकिन तिमाही नतीजे के बाद कंपनी के शेयर में गुरुवार को तीन फीसद तक की गिरावट दर्ज हुई.
कंपनी के कैसे रहे नतीजे ? आंकड़ों पर गौर करें तो HDFC Life के नेट प्रीमियम और नए बिजनेस से आय (VNB) की ग्रोथ काफी दमदार रही. इसके बावजूद चौथी तिमाही में HDFC Life का मुनाफा एक दम सपाट रहा है. साल दर साल कंपनी का मुनाफा 357.5 करोड़ रुपए से केवल 0.3 फीसद बढ़ा है और 358.6 करोड़ रुपए पर रहा. तिमाही के दौरान कंपनी का नेट प्रीमियम 14290 करोड़ रुपए से 35.9 फीसद बढ़कर 19427 करोड़ रुपए पर रहा. वहीं VNB में 367.8 फीसदी की ग्रोथ रही…VNB 900 करोड़ रुपए की तुलना में साल दर साल 1511 करोड़ रुपए पर रहा है. पर VNB मार्जिन सपाट रहे हैं. 27.4% की तुलाना में मामूली बढ़त के साथ 27.6% पर दर्ज किए गए हैं. चौथी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद 27 अप्रैल को 530.10 रुपए पर खुला जो इसका पूरे दिन का उच्च स्तर रहा. कारोबार के दौरान यह 516.05 तक नीचे में गया. अंत में यह 2.57 फीसद की गिरावट के साथ 516.05 रुपए पर बंद हुआ.
क्या कहते हैं ब्रोकर्स? नतीजों के बाद एचडीएफसी लाइफ के शेयर पर ब्रोकर्स की राय मिलीजुली है. Morgan Stanley ने शेयर पर ओवरवेट की रेटिंग दी है और लक्ष्य बढ़ाकर 700 रुपए कर दिया है. इसी तरह Jefferies ने 670 रुपए के लक्ष्य के साथ शेयर पर खरीदारी की राय दी है लेकिन CLSA ने अंडरपरफॉर्म की रेटिंग दी है और लक्ष्य थोड़ा बढ़ाकर 560 रुपए पर रखा है. CLSA के मुताबिक FY24 कंपनी के लिए चुनौतीपू्र्ण होगा क्योंकि वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में टैक्स का फायदा लेने के लिए कई लोगों ने pre-buying भी की जो आने वाली तिमाहियों में जारी नहीं रह सकेगी. इसी तरह Motilal Oswal ने शेयर पर neutral रेटिंग बरकरार रखी है और लक्ष्य 610 रुपए दिया है.
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