नागर विमानन महानिदेशालय यानी DGCA ने आर्थिक संकट का सामना कर रही एयरलाइन स्पाइसजेट की निगरानी को बढ़ा दिया है. स्पाइसजेट के ऊपर निगरानी की खबर के बाद बुधवार को कंपनी के शेयर में 12 फीसद तक की गिरावट देखने को मिली. DGCA ने स्पाइसजेट को 3 हफ्ते से ज्यादा समय से निगरानी में रखा हुआ है. हालांकि कंपनी की ओर से इस तरह के किसी भी कदम की जानकारी से इनकार किया गया है. जानकारी के मुताबिक बढ़ाई गई निगरानी में रात्रि निगरानी और स्पॉट की जांच शामिल है.
कंपनी ने जानकारी से किया इनकार निगरानी का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय संकट की वजह से कंपनी के ऑपरेशंस पर किसी भी तरह का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े और इसके अलावा कंपनी के द्वारा सुरक्षा मानकों को लेकर कोई समझौता तो नहीं किया जा रहा है. बता दें कि डीजीसीए के द्वारा उठाया गया यह कदम ऐसे समय में आया है जब विमानों को किराये पर देने वाली कंपनियों की ओर से स्पाइसजेट से अपने विमानों की वापस मांग की गई है. स्पाइस जेट के प्रवक्ता की ओर से दिए गए बयान के मुताबिक स्पाइसजेट को डीजीसीए की ओर से इस संबंध में कोई पत्र या ई मेल नहीं मिला है.
बता दें कि गो फर्स्ट के बाद स्पाइसजेट को लेकर भी आशंकाएं बढ़ गई हैं. गो फर्स्ट की उड़ानें बंद होने के बाद से देश के कई महत्वपूर्ण रूट्स पर उड़ानों की संख्या में कमी आने से हवाई किराये में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ऐसे में अगर स्पाइस जेट का संकट आगे बढ़ता है तो आम आदमी पर महंगे हवाई किराये की मार पड़ सकती है. दूसरी ओर हाल ही में एयर इंडिया और विस्तारा ने कंपटीशन कमिशन से कहा था कि दोनों एयरलाइन के विलय के बाद एयरलाइन सेक्टर में प्रतिस्पर्धा पर खराब असर नहीं पड़ेगा. हालांकि कंपटीशन कमिशन को एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय के बाद घरेलू एविएशन सेक्टर में एयरलाइन कंपनियों में प्रतिस्पर्धा कम होने का शक है. बाजार में एयरलाइन कंपनियों की संख्या सीमित होने से हवाई किराये में मनमाना बढ़ोतरी होने की आशंका है.
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