कर्ज संकट में फंसी वाडिया ग्रुप की एयरलाइन Go First को कर्ज देने वाले बैंकों ने एयरलाइन के मैनेजमेंट के उस आवेदन को ठुकरा दिया है जिसमें मैनेजमेंट ने बैंकों से कर्ज के उस पैसे को रिलीज करने के लिए कहा था जो अभी भी बैंकों के पास पड़ा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक अब क्रेडिटर्स की कमेटी यानी CoC की मंजूरी के बाद ही एयरलाइन को लोन का बचा हुआ पैसा रिलीज करेंगे. खबर ये भी है कि NCLT की तरफ से गो फर्स्ट के लिए नियुक्त किए गए अंतरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल यानी IRP ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि गो फर्स्ट को लीज पर विमान देने वाली कंपनियों की याचिका पर सुनवाई न करें.
गो फर्स्ट के CEO, कौशिक खोना ने भी एविएशन रेग्युलेटर DGCA से अपील की है कि एयरलाइन का एयर ऑपरेटर परमिट यानी AOP रद्द न किया जाए क्योंकि इस तरह कंपनी खत्म हो जाएगी. उन्होंने DGCA को आश्वासन दिया कि खुद को इसलिए दिवालिया नहीं किया क्योंकि मैनेजमेंट कंपनी को चलाने में सक्षम नहीं है बल्कि इसलिए घोषित किया ताकि कर्ज से जुड़ी दिक्कतों को दूर किया जा सके.
इससे पहले मंगलवार को गोफर्स्ट ने अपनी उड़ानों को रद्द करने की तारीख़ बढ़ाकर 4 जून कर दी थी. लगातार आठवीं बार एयरलाइन की ओर से उड़ानों को रद्द करने की तारीख बढ़ाई गई है. पहली बार 3 मई को उड़ानों के साथ सभी ऑपरेशन बंद कर दिए थे. एयरलाइन की ओर ट्वीट करके रिफंड की जानकारी भी दी गई है. एयरलाइन ने कहा है कि यात्रियों को पूरा रिफंड जल्द ही ऑरिजनल मोड से वापस कर दिया जाएगा यानि जिस माध्यम से भुगतान किया होगा उसी माध्यम से रिफंड मिल जाएगा. अगर किसी ने क्रेडिट कार्ड से पेमेंट किया होगा तो वो क्रेडिट कार्ड में आ जाएगा, वॉलेट से किया होगा तो वॉलेट में और अगर डेबिट कार्ड या UPI से किया होगा तो उससे जुड़े बैंक खाते में आ जाएगा.