हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद से अदानी समूह कर्ज का बोझ घटाने की कवायद में जुट गया है. समूने वित्त वर्ष 2024 में भी यही सिलसिला जारी रखने का फैसला लिया है. इस दिशा में पहला कदम अदानी पोर्ट्स ने ले भी ले लिया है. शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक अदानी पोर्ट्स ने 2024 में मैच्योर होने वाले बॉन्ड्स के बायबैक की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. इस बॉन्ड बायबैक ऑफर पर $13 करोड़ डॉलर तक का खर्च होगा जो कंपनी के कैश रिजर्व यानी नकदी से किया जाएगा. इस ऑफर के पूरा होने के बाद कंपनी की FY24 में $13 करोड़ डॉलर के 4 चरणों में कुल $52 करोड़ डॉलर के और बॉन्ड खरीदने की योजना है क्योंकि 22 अप्रैल को हुई बैठक में बोर्ड ने कुल $65 करोड़ डॉलर के बॉन्ड्स वापस खरीदने को मंजूरी दी थी. 31 मार्च 2023 तक अदानी ग्रुप पर 2.27 लाख करोड़ का कुल कर्ज था जो कि पिछले एक साल में करीब 21 फीसदी बढ़ा है. अदानी ग्रुप की ओर से लेंडर्स और रेग्युलेटर्स को हाल में जमा किए गए नोट के मुताबिक मार्च अंत तक नेट कर्ज 1.95 लाख करोड़ रहने का अनुमान है क्योंकि वित्त वर्ष 2023 में ग्रुप ने 23,590 करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान किया है. शेयरों के सेंटिमेंट को सुधारने के लिए कर्ज में लगातार कमी ग्रुप के लिए काफी अहम है. और यह मंगलवार को ग्रुप के शेयरों में देखने को मिला भी है.
ऑटो सेक्टर में एंट्री लेगा एक और समूह
देश के ऑटो मार्केट में एक बड़ा औद्योगिक घराना एंट्री ले सकता है. माना जा रहा है कि उद्योगपति सज्जन जिंदल का जेएसडब्ल्यू ग्रुप (JSW Group) यूके की ऑटो कंपनी एमजी मोटर्स (MG Motors) की भारतीय इकाई में हिस्सेदारी खरीद सकता है. खबरें ये भी हैं कि जेएसडब्ल्यू ग्रुप चीन की ऑटो कंपनी बीवाईडी (BYD) की भारतीय इकाई में भी हिस्सेदारी खरीद सकता है. रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि एमजी मोटर्स इंडिया 15-20 फीसद हिस्सेदारी जेएसडब्लूय ग्रुप को बेच सकती है. यह हिस्सेदारी 2-2.5 अरब डॉलर की वैल्युएशन पर बिकने की संभावना है. जेएसडब्ल्यू ग्रुप की ऑटो मार्केट में एंट्री की खबरों के बीच आज जेएसडब्ल्यू होल्डिंग का शेयर 12 फीसदी से ज्यादा की मजबूती के साथ बंद हुआ. उद्योग जगत की खबरें अभी और हैं, इसके लिए देखिए कॉरपोरेट सेंट्रल- https://www.youtube.com/watch?v=_tjZu8qDvtY
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