एडुटेक कंपनी बायजूज (Byju’s) के खिलाफ केंद्रीय कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी की कॉर्पोरेट गवर्नेंस में खामियों का संज्ञान लेते हुए मंत्रालय ने इस जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि बायजूज ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है और इसको पूरी तरह से काल्पनिक करार देते हुए कहा है कि कॉर्पोरेट मंत्रालय की ओर से कंपनी को कोई पत्र नहीं भेजा गया है. साथ ही कंपनी को इस तरह की किसी जांच की कोई जानकारी है.
दूसरी ओर बायजूज ने अपने तीन वैश्विक निवेशकों से बोर्ड छोड़ने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है. बता दें कि Byju’s के बोर्ड से तीन निदेशकों ने इस्तीफ़ा दे दिया है. माना जा रहा है कि ये इस्तीफ़ा बायजूज के फ़ाउंडर बायजू रवीचंद्रन के साथ मतभेदों की वजह से दिया गया है. इस बीच ऑडिटर डेलायट ने भी बायजूस का साथ छोड़ दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस्तीफ़ा देने वाले अधिकारियों में सिकोइया कैपिटल (अब पीक XV पार्टनर्स) के जीवी रविशंकर, चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव के विवियन वू और प्रोसस के रसेल ड्रेसेनस्टॉक शामिल हैं. अब रवीन्द्रन के भाई रिजु रवींद्रन, बायजू रवींद्रन की पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और खुद बायजू रवींद्रन ही हैं जो कंपनी के बोर्ड में बने हुए हैं. कंपनी के ऑडिटर डेलायट ने भी कंपनी से इस्तीफा दे दिया है. डेलायट ने इसके कारण के बारे में बताया है कि उसके कंपनी की नीतियों से विचार नहीं मिल रहे थे.
तीनों ही अधिकारियों के इस्तीफ़े अभी स्वीकार नहीं किए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक पिछले साल से ही कंपनी चलाने के तौर तरीक़ों को लेकर कंपनी के संस्थापकों और बोर्ड के बीच में मतभेद चल रहे थे. इसके अलावा जिस तरह से बायजू रवींद्रन ने कर्ज का प्रबंधन करने के तौर तरीके अपनाए उसको लेकर एकराय नहीं थी. संस्थापकों ने बोर्ड के सदस्यों और निवेशकों की बात नहीं मानी, न ही काम करने के तरीक़ों में पारदर्शिता थी और भरोसे की भी कमी थी. हालांकि बायजूज के प्रबंधन ने इस्तीफा देने वाले निदेशकों और ऑडिटर से अपने फैसलों पर फिर से विचार करने को कहा है.