भारत के सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी क्षेत्र के राजस्व में अगले वित्त वर्ष (2024-25) में तीन से पांच प्रतिशत तक की वृद्धि होने की संभावना है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सोमवार को यह अनुमान जताया है. इक्रा रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आईटी क्षेत्र में वृद्धि दर की रफ्तार बढ़ने तक भर्तियां निकट अवधि में ‘सुस्त’ यानी धीमी बनी रहेंगी.
आईटी सेक्टर में बढ़ सकते हैं लाभ
इक्रा की रिपोर्ट में राजस्व वृद्धि की रफ़्तार पर चिंताओं के बीच कंपनियों के लाभ में मजबूती रहने की उम्मीद जताई गई है. इसके मुताबिक, 250 अरब डॉलर के भारतीय आईटी क्षेत्र के लिए परिचालन लाभ मार्जिन वित्त वर्ष 2024-25 में 21-22 प्रतिशत के स्वस्थ स्तर पर आ जाएगा. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (2023-24) के पहले नौ महीनों में उद्योग की राजस्व वृद्धि सिर्फ दो प्रतिशत रही है जबकि उसने पहले इस क्षेत्र के लिए 3-5 प्रतिशत का अनुमान लगाया था. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से देश का आईटी सेक्टर के राजस्व वृद्धि की गति धीमी रही है.
आईटी सेक्टर ने कम किया खर्च
आईटी क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के पहले नौ महीनों में कुल वृद्धि 9.2 प्रतिशत के स्तर पर रही थी. इक्रा रेटिंग्स के आईटी क्षेत्र प्रमुक दीपक जोटवानी ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के प्रमुख बाजारों में लगातार व्यापक आर्थिक प्रतिकूलता होने से वित्त वर्ष 2024-25 में भी राजस्व वृद्धि धीमी रहने की संभावना है. प्रतिकूलता के कारण कंपनियों ने विवेकाधीन आईटी खर्च कम कर दिया है. इसके लिए आईटी सेक्टर ने हाईब्रिड मॉडल वर्क कल्चर को भी अपनाया है.
कब बढ़ सकती है नौकरियां?
हालांकि इक्रा ने कहा कि महत्वपूर्ण खर्च और कॉस्ट एफेक्टिव सौदों में तेजी जारी होने से भारतीय आईटी सेवा कंपनियों के लिए ‘कुछ हद तक’ वृद्धि की संभावनाओं को समर्थन मिल रहा है. अगर आईटी सेक्टर के राजस्व में बढ़ोतरी होती है तो आने वाले समय में इस क्षेत्र में नौकरियां भी बढ़ सकती हैं. गौरतलब है कि वैश्विक महामारी कोरोना के बाद से आईटी सेक्टर में नौकरियां लगातार कम हुई हैं.