नमक से लेकर कॉफी और सॉफ्टवेयर से लेकर स्टील, आप नाम लीजिए देसी कॉरपोरेट घराना टाटा ग्रुप करीब-करीब सब कुछ बनाता है. इस सूची में अब आईफोन भी जुड़ सकता है. टाटा पहली भारतीय कंपनी बन सकती है जो आईफोन बनाएगी. दरअसल टाटा कर्नाटक में स्थित विस्ट्रॉन (Wistron) की फैक्टरी का अधिग्रहण कर सकती है. इसके लिए टाटा और इस ताइवानी कंपनी के बीच समझौता पूरा होने के करीब है. विस्ट्रॉन एपल (Apple) के लिए आपूर्ति का काम करती है.
सूत्रों के मुताबिक यह समझौता 60 करोड़ डॉलर में हो सकता है. दोनों कंपनियों के बीच पिछले एक साल से इस दिशा में बातचीत चल रही थी और अब सौदा अंतिम चरण में है.
भारत है आईफोन का बड़ा बाजार
भारत आईफोन के सबसे बड़े बाजारों में से एक है. भारत में सबसे पहले 2017 में आईफोन एसई iPhone SE (first generation) की असेम्बिलिंग शुरू की गई. इसके बाद देश में आईफोन के दूसरे मॉडल – आईफोन 6एस और आईफोन 7 भी असेम्बल किए जाने लगे. बाद में आईफोन 14 पहला ऐसा नया आईफोन मॉडल बना जिसे भारत में असेम्बल किया जाने लगा.
भारत में अकेले विस्ट्रॉन ही नहीं बल्कि फॉक्सकॉन (Foxconn) और पेगाट्रॉन (Pegatron) भी एपल आईफोन की सप्लायर हैं.
कितना मेड इन इंडिया है ये फोन?
एपल आईफोन को हालांकि मेड इन इंडिया का ही टैग दे रही है असल में ये फोन मेड इन इंडिया नहीं हैं बल्कि असेम्बल्ड इन इंडिया हैं. यानी आईफोन बनाने में जिन भी कॉम्पोनेंट का इस्तेमाल किया जाता है, वे सब विदेशों से भारत लाने के बाद उन्हें एक साथ असेम्बल कर यानी जोड़कर उन्हें कंप्लीट आईफोन का रूप दिया जाता है.
क्या होगा टाटा का कमिटमेंट?
विस्ट्रॉन ने चालू वित्त वर्ष में मार्च 2024 तक अपनी कर्नाटक फैक्ट्री से कम से कम 1.8 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन सप्लाई करने की प्रतिबद्धता जताई थी. उसने एपल से ये भी कहा था कि वह अगले साल तक इस प्लांट में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर तीन गुना कर देगी. अब टाटा यह अधिग्रहण करती है तो उसे भी इस कमिटमेंट यानी प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा.