Tesla ने अपनी इलेक्ट्रिक कारों (Electric Cars) के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (Tata Electronics) के साथ एक समझौता किया है. टेस्ला ने सेमीकंडक्टर चिप्स खरीदने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ यह डील की है. टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में सेमीकंडक्टर चिप की फैक्ट्री लगा रही है. इस डील के बाद अब टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अपने चिप की सप्लाई अमरीकी कंपनी टेस्ला को भी करेगी. हालांकि अब तक दोनों ही कंपनी की तरफ से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े कुछ अधिकारियों के हवाले से इस समझौते की जानकारी दी गई है.
टाटा की सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में एंट्री
टाटा ग्रुप अब सेमीकंडक्टर में भी अपना विस्तार कर रहा है. टाटा ग्रुप की टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में सेमीकंडक्टर चिप की फैक्ट्री लगा रहा है. अब टेस्ला की डील होने से भारत के टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को टॉप ग्लोबल यूजर्स के लिए काम करने का मौका तो मिलेगा ही, साथ ही सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में भारत का भी नाम जुड़ जाएगा.
भारत में क्यों पैर जमाना चाहते हैं मस्क?
भारत का ऑटोमोटिव मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. देश की कई बड़ी कंपनियां अब इलेक्ट्रिक व्हीकल की चेन पेश कर रही हैं. ऐसे में, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर की दिग्गज अमेरिकी कंपनी टेस्ला भारत में एंट्री लेना चाहती है. टेस्ला मार्केट वैल्यू के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव कंपनी है . मस्क इस महीने भारत दौरे पर हैं और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस दौरान वो कई बड़े निवेश का ऐलान कर सकते हैं.
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने की भर्ती
सेमीकंडक्टर चिप की फैक्ट्री लगाने के क्रम में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने हाल के महीनों में 50-60 टॉप लेवल के अधिकारीयों की भर्ती करके अपने मैनपॉवर को बढ़ा लिया है. ये सभी अधिकारी सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं. इस फैक्ट्री की रणनीतिक योजना इसकी डिजाइनिंग, क्रियान्वन सभी पर तेजी से काम चल रहा है.