एडटेक कंपनी बायजूज (Byju’s) की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब शेयरधारक कंपनी के संस्थापक और सीईओ बायजू रविंद्रन को कंपनी से बाहर करना चाहते हैं. दरअसल, चार जुलाई को बुलाई गई ईजीएम (EGM) में कंपनी के कुछ निवेशकों की ओर से बायजू रविंद्रन को हटाने के साथ ही उनकी जगह नए अंतरिम सीईओ को नियुक्त किए जाने की मांग उठी थी. यह भी कहा गया है कि बायजू रविंद्रन तब तक अपने पद पर नहीं रहेंगे जब तक कि कोर्ट की ओर से कोई फैसला नहीं आ जाता है.
लगातार घट रही प्रमोटरों की हिस्सेदारी
बता दें कि बायजूज के प्रमोटर्स ने 2015 के बाद से 40 सेकेंडरी ट्रांजैक्शन के जरिए 408.53 मिलियन डॉलर के शेयर्स की बिक्री की है. 2016 के बाद से प्रमोटरों की हिस्सेदारी बायजूज में लगातार कम हो रही है. साल 2015-16 के बाद से प्रमोटरों की हिस्सेदारी कंपनी में 71.6 फीसद से घटकर 21.2 फीसद पर आ गई है. आंकड़ों के मुताबिक 2015 से बायजू रवींद्रन ने व्यक्तिगत रूप से 3.28 मिलियन डॉलर मूल्य के 29,306 शेयर बेचे हैं. वहीं उनकी पत्नी और को फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ ने 29.40 मिलियन डॉलर मूल्य के 64,565 शेयर बेचें हैं, जबकि बायजू रवींद्रन के भाई रिजु रवींद्रन ने 375.83 मिलियन डॉलर मूल्य के 3,37,911 शेयर की बिक्री की है.
बायजू रवींद्रन की 15.90% हिस्सेदारी
जनरल अटलांटिक, ब्लैकरॉक और लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स जैसी कंपनियां समेत कई निवेशक बीते कुछ वर्षों में बायजूज के सेकेंडरी ट्रांजैक्शन में हिस्सा ले चुके हैं. कंपनी के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन के पास मौजूदा समय में कंपनी की 15.90 फीसद हिस्सेदारी है. दूसरी ओर दिव्या गोकुलनाथ और रिजु रवींद्रन के पास क्रमशः 3.30 फीसद और 2 फीसद हिस्सेदारी है. बायजू रवींद्रन ने दावा किया है कि सेकेंडरी ट्रांजैक्शन के जरिए हासिल की गई रकम को कंपनी में दोबारा निवेश किया गया है.