पूंजी बाजार नियामक सेबी ने गुरुवार को बड़ी कंपनियों को वृद्धिशील वित्तपोषण जरूरतों के लिए ऋण प्रतिभूतियां जारी कर धन जुटाने में लचीलापन प्रदान करने का निर्णय लिया है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल की यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. सेबी ने एक बयान में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने प्रतिभूति बाजारों में प्रौद्योगिकी रुझानों सहित विभिन्न रुझानों पर भी चर्चा की.
इसके अलावा बोर्ड ने सूचीबद्ध कंपनियों में निवेशकों की तरफ से दावा न की गई राशि को ‘निवेशक सुरक्षा एवं शिक्षा कोष’ (आईपीईएफ) में जमा करने और इससे रिफंड की प्रक्रिया को दुरुस्त करने की भी मंजूरी दी है. यह व्यवस्था कंपनियों, रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट्स) और ढांचागत निवेश ट्रस्ट (इनविट्स) के अलावा अन्य सूचीबद्ध संस्थाओं पर भी लागू होगी.
बाजार नियामक ने निवेश सलाहकारों के लिए योग्यता और अनुभव संबंधी शर्तों में किए गए बदलाव के अनुपालन की समयसीमा बढ़ाने का भी निर्णय लिया है. वहीं दूसरी ओर सेबी ने बीएसई पर नकदी शेयर विकल्प खंड में गलत तरीके से कारोबार करने में शामिल होने के लिए 11 इकाइयों पर कुल 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. नियामक ने 11 अलग-अलग आदेशों में कमला अग्रवाल, कमला देवी बाजोरिया, कमला जैन, कमलजीत कौर, कमल रामप्रसाद गुप्ता, कमल कुमार, कमलेश आहूजा, कैलाश नरोत्तमदास अनाम, संजय कुमार डागा एचयूएफ प्राग्मा सप्लायर्स प्राइवेट लिमिटेड और एरोमैटिक टाई अप प्राइवेट लिमिटेड पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया.