घरेलू कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ जनवरी-मार्च तिमाही में 4-6 फीसद के दायरे में रह सकती है जो कोविड महामारी के बाद की सबसे धीमी दर होगी. क्रेडिट रेटिंग और रिसर्च एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. यह रिपोर्ट 350 कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित है. हालांकि इसमें वित्तीय सेवाओं और तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनियों को शामिल नहीं किया गया है.
रिपोर्ट कहती है कि पिछले वर्षों में रेवेन्यू में अच्छी-खासी बढ़ोतरी के बाद यह नरमी आई है. कोविड महामारी के बाद सितंबर, 2021 में इकोनॉमिक रिवाइवल का सिलसिला शुरू होने के बाद से लगातार तेजी ही देखी जा रही थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘क्रिसिल की निगरानी में शामिल 47 क्षेत्रों में से केवल 12 में मार्च तिमाही के लिए क्रमिक और सालाना आधार पर रेवेन्यू ग्रोथ में सुधार होने की उम्मीद है.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में मांग बेहतर रहने से संगठित खुदरा क्षेत्र में लगातार 13वीं तिमाही में ग्रोथ हुई है. एयरलाइंस और होटल जैसी सर्विसेज को एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां), शादियों और कॉरपोरेट यात्रा में उछाल से फायदा हुआ. इसके उलट निर्माण से जुड़े क्षेत्रों से राजस्व की रफ्तार धीमी पड़ने की आशंका है. वित्त वर्ष 2022-23 की मार्च तिमाही में निर्माण कंपनियों ने अपना उच्चतम तिमाही राजस्व हासिल किया था.
समीक्षाधीन तिमाही में स्थिर मांग रहने के बावजूद सीमेंट क्षेत्र ने मध्यम राजस्व वृद्धि दर्ज की, क्योंकि उच्च आपूर्ति और तीव्र प्रतिस्पर्धा के बीच कीमतें दबाव में रहीं.