कर्ज के जाल में फंसी निजी एयरलाइन गो फर्स्ट को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLAT) से तात्कालिक राहत मिली है. गो फर्स्ट ने एनसीएलटी में दिवालिया याचिका दायर की है. गो फर्स्ट की इस अपील को लीज पर विमान देने वाली कंपनियों ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में चुनौती दी थी.
एनसीएलएटी ने सोमवार को अपने आदेश में गो फर्स्ट की दिवालिया याचिका को एनसीएलटी की ओर से स्वीकार करने के फैसले को बरकरार रखा है. ऊपरी अदलात ने लीज पर विमान देने वाली कंपनियों से यह भी कहा है कि वे अपनी बात एनसीएलटी के सामने रखें. बता दें कि गो फर्स्ट घाटे की वजह से दिवालिया होने के कगार पर है. कंपनी ने 26 मई तक परिचालन बंद कर रखा है. कंपनी का घाटा साल दर साल लगातार बढ़ता ही रहा है. आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्त वर्ष 2020-21 में गो फर्स्ट को 1346 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. यह घाटा 2021-22 में 1800 करोड़ रुपए पार कर गया. एयरलाइन पर इस समय कुल 11,463 करोड़ रुपए की देनदारियां हैं.
एविएशन सेक्टर का संकट बरकरार
एक तरफ घरेलू एविएशन सेक्टर में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन दूसरी तरफ देश में साल दो साल में कोई न कोई एयरलाइन कंपनी बंद हो जाती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले 29 साल में 27 एयरलाइंस या तो बंद हो गईं या उन्हें किसी दूसरी बड़ी कंपनी ने अधिगृहीत कर लिया. गो फर्स्ट इस कड़ी में नया नाम है. वहीं, स्पाइसजेट भी खस्ताहालत में चल रही है. छोटी-मझोली एयरलाइन कंपनियों की खराब हालत के बीच देश के एयरलाइन बिजनेस में सिर्फ दो कंपनियों का दबदबा बढ़ता जा रहा है. देश के एविएशन मार्केट का 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सा सिर्फ इंडिगो और टाटा के पास है. लिहाजा यह सेक्टर डुओपॉली की तरफ बढ़ रहा है.
बढ़ रहे हवाई यात्री
विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) के आंकड़ों के मुताबिक देश में हवाई यात्री लगातार बढ़ रहे हैं. मार्च की तुलना में अप्रैल में घरेलू एयर ट्रैफिक 15% बढ़ा. अप्रैल में चार लाख से ज्यादा लोगों ने देश में हवाई यात्रा की. तेजी से बढ़ते घरेलू मार्केट और एयरलाइन कंपनियों के बढ़ते संकट को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे हालात में आम यात्रियों को इसका नुकसान होगा. मार्केट में ज्यादा कंपनियां रहेंगी तो प्रतिस्पर्धा भी ज्यादा रहेगी. लिहाजा आम हवाई यात्रियों को किराए से लेकर तमाम दूसरी सुविधाएं सस्ती मिलेंगी. अगर देश का घरेलू एविएशन मार्केट बढ़ रहा है तो एयरलाइन कंपनियां भी बढ़नी चाहिए. एयरलाइन कंपनियों का लगातार बंद होना इस सेक्टर के लिए फायदेमंद नहीं है.
Published - May 22, 2023, 07:17 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।