रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) अपने ‘स्वदेश’ ब्रांड के तहत करीब 12 लग्जरी स्टोर खोलने का प्लान बना रही है. रिलायंस रिटेल ने अपने स्वदेश ब्रांड के तहत भारत और विदेशों में एथनिक हस्तशिल्प (handicrafts) के लिए स्टोर खोलने की योजना बना रही है जो सरकार द्वारा संचालित सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज एम्पोरियम स्टोर से भी बेहतर होंगे. कंपनी का लक्ष्य अपनी देसी ब्रांड स्वदेश के तहत एथनिक हस्तशिल्प की मार्केटिंग करना है.
रिलायंस रिटेल की बड़ी योजना
इकॉनमिक टाइम्स (ET) की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस रिटेल आजकल रिटेल बिक्री पर फोकस कर रही है. अभी हाल ही में कंपनी ने कैप्टन कूल को जियोमार्ट का ब्रांड एंबेस्डर बनाया है. एयर अब कंपनी की योजना है कि स्वदेश के प्रोडक्ट देश के साथ-साथ विदेश में भी बिके. रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिटेल ब्रांच लोकल और वैश्विक स्तर पर अच्छे से अच्छे डिजाइनर्स और कारीगर से बात कर रही है ताकि कंपनी बेस्ट प्रोडक्ट दे सके. कंपनी अपने ब्रांड के एथनिक ज्वैलरी, फ्यूजन कपड़े, नीली मिट्टी के बर्तन, हैंडीक्रॉफ्ट्स, चांदी के बर्तन, हैंडीक्रॉफ्ट्स, कालीन और हैंडमेड नेचुरल प्रोडक्ट्स के उत्पादन को लेकर बातचीत कर रही है. इससे पहले कंपनी ने कपड़ा मंत्रालय के साथ सीधे कारीगर कम्युनिटीज से प्रामाणिक तैयार किए गए उत्पादों की सोर्सिंग को सक्षम बनाने के लिए समझौता किया था.
जियोमार्ट पर भी बिकेंगे स्वदेश के प्रोडक्ट
कंपनी स्वदेश ब्रांड के प्रोडक्ट्स को अपने ई-कामर्स प्लेटफॉर्म जियोमार्ट पर भी बेचेगी. गौरतलब है कि जियोमार्ट ने सात राज्य सरकार के बिक्री भंडार यानी इम्पोरियम के साथ साझेदारी की है जिसके तहत 2025 तक स्वदेश के लिए दस लाख से ज्यादा कारीगरों और बुनकरों को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा सकेगा. इससे स्वदेश के प्रोडक्ट विस्तार के साथ-साथ उसकी क्वालिटी भी बेहतरीन होगी. रिलायंस रिटेल के ये स्टोर्स स्वदेश स्टोर दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलूरु और मुंबई होंगे. रिपोर्ट के अनुसार करीब 30,000-35,000 वर्ग फुट के इन स्टोर्स का अकार बड़ा होने के साथ यह काफी आकर्षक भी होगा. गौरतलब है कि इससे पहले भी कंपनी ने अपने प्लान पर चर्चा करते हुए कहा था कि देश के कई सेंट्रल लोकेशन पर रिटेल आउटलेट खोलने पर काम किया जा रहा है.
इन सामानों की होगी बिक्री
स्वदेश स्टोर में हाथ से बनाए गए प्रोडक्ट्स पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. इसमें हस्तनिर्मित वस्त्र, हैंडीक्रॉफ्ट्स, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट और अन्य कारीगर सामानों सहित उत्पादों की एक बड़ी चेन होगी, जो सीधे कारीगरों से प्राप्त की जाएगी. इससे कारीगरों को भी बड़े स्तर पर रोजगार मिलेगा और उनकी कला का भी विस्तार होगा. कंपनी ने पहले अपने एक बयान में कहा था, ‘स्वदेश भारतीय कारीगरों और प्रामाणिक हस्तनिर्मित उत्पादों के विक्रेताओं को दुनिया भर के उपभोक्ताओं से जोड़ने के लिए एक वैश्विक बाजार भी बनाएगा.’
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