बीएसई-500 में शामिल कंपनियों के प्रमोटर्स द्वारा गिरवी रखे गए शेयरों का मूल्य बढ़कर 1.8 लाख करोड़ रुपए हो गया है. अप्रैल-जून, 2023 तिमाही के दौरान गिरवी रखे गए शेयरों का मूल्य इंडेक्स के मार्केट वैल्यू का 0.69 फीसदी है. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (केआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक 86 कंपनियों के प्रमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी को गिरवी रखा है.
प्रमोटर्स द्वारा गिरवी रखे गए शेयरों का मूल्य प्रतिशत में जून तिमाही में मामूली बढ़कर 1.36 फीसदी हो गया, जो इससे पहले मार्च तिमाही में 1.3 फीसदी था. दो कंपनियां ऐसी हैं, जिनके प्रमोटर्स ने अपने 80 फीसदी से ज्यादा शेयरों को गिरवी रखा है. हालांकि कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने यह स्पष्ट किया है कि शेयरों को गिरवी रखने का यह मतलब कतई नहीं है कि कंपनी या प्रमोटर वित्तीय संकट में है. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि बैंक या कर्जदाताओं ने अतिरिक्त गारंटी या सुरक्षा के लिए प्रमोटर के शेयरों की मांग की हो.
दो कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा रखे हैं गिरवी
मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेस और सुजलॉन एनर्जी ऐसी दो कंपनियां हैं, जिनके प्रमोटर्स ने 80 फीसदी से ज्यादा अपने शेयरों को गिरवी रखा है. हिंदुस्तान जिंक, एरिस लाइफसाइंस, मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेस, दीपक फर्टिलाइजर्स और इंडिया सीमेंट सहित अन्य कंपनियों के प्रमोटर्स के गिरवी रखे शेयरों में इजाफा हुआ है.
जून तिमाही के दौरान मैक्स फाइनेंशियल के प्रमोटर्स के गिरवी रखे गए शेयरों की संख्या 93.3 फीसदी हो गई, जो इससे पहले मार्च तिमाही में 85.1 फीसदी थी. सुजलॉन एनर्जी के प्रमोटर्स ने 80.8 फीसदी हिस्सेदारी को बैंकों के पास गिरवी रखा है. जीएमआर एयरपोर्ट ने 71 फीसदी, सुंदरम क्लेटोन ने 63.5 फीसदी, मेडप्लस हेल्थ सर्विसेस ने 50.5 फीसदी हिस्सेदारी को गिरवी रखा है. कल्पतरु प्रोजेक्ट के गिरवी रखे शेयरों की संख्या घटी है. इसके गिरवी रखे शेयर पहले 48.8 फीसदी थे, जो अब घटकर 47 फीसदी हो गए हैं. स्टर्लिंग्स एंड विल्सन ने 27.3 फीसदी, चैलेट होटल्स ने 22.9 फीसदी और इंडस टॉवर्स ने 21 फीसदी हिस्सेदारी को गिरवी रखा हुआ है.