JIO-Airtel: आप अगर अपने पुराने पोर्ट मोबाइल नंबर को जियो, एयरटेल, वोडा या बीएसएएनएल में पोर्ट करना चाहते हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. भारत में जल्द ही सिम कार्ड पोर्ट करने के नए नियम नियम लागू होने जा रहे हैं. टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानि TRAI ने 15 मार्च को ही इन्हें जारी किया है. हालांकि फिलहाल इसमें थोड़ा वक्त लगेगा… ये नए नियम 1 जुलाई 2024 से देशभर में लागू हो जाएंगे.
आइए जानते हैं कि ये नया नियम क्या है. जिसे लेकर ट्राई का मानना है कि इस बदलाव से फ्रॉड की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है. हालांकि इससे आम यूजर्स को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
यहां पहले नियमों में हुए बदलावों को समझ लेते हैं. नए नियमों के तहत अगर किसी मोबाइल यूजर्स ने हाल ही में अपने सिम कार्ड स्वैप किया है तो वो अपना मोबाइल नंबर पोर्ट नहीं कर पाएंगे. बता दें कि सिम की अदला-बदली की सिम स्वैपिंग कहा जाता है. सिम स्वैपिंग सिम कार्ड खो जाने या फिर उसके टूट जाने पर होती है. आसान भाषा में जब आपका फोन चोरी हो जाता है या सिम खराब हो जाता है तो हम कंपनी से अपना पुराना सिमकार्ड ब्लॉक करा देते हैं. इसके बदले में कंपनी आपको नया सिम देती है. इसमें नंबर वही पुराना होता है, इसे ही सिम स्वैपिंग कहा जाता है. सरकार ने इसी पर लगाम कसने की तैयारी की है.
अब जानते हैं कि ट्राई ऐसा कर क्यों रहा है. दरअसल आज के दौर में सिम स्वैपिंग फ्रॉड बढ़ गए हैं जिसमें फ्रॉड करने वाले आपके पैन कार्ड और आधार की फोटो काफी आसानी से हालिस कर लेते हैं. इसके बाद मोबाइल खो जाने का बहाना बनाकर नया सिम कार्ड जारी करा लेते हैं. इसके बाद आपके नंबर पर आने वाली ओटीपी फ्रॉड करने वालों के पास पहुंच जाती है. ट्राई का कहना है कि ऐसा कदम फ्रॉड की घटनाओं को रोकने के मद्देनजर उठाया गया है. नए नियम को फ्रॉड करने वालों को सिम स्वैपिंग. या फिर रिप्लेसमेंट के तुरंत बाद मोबाइल कनेक्शन को पोर्ट करने से रोकने से रोकने के लिए उठाया गया है.
फिलहाल दो बार नंबर पोर्ट कराने के बीच 3 महीने का अंतराल रखा जाता है, यानी एक बार सिम को नए आपरेटर के पास पोर्ट कराने के बाद यूजर को 3 महीने बाद ही कंपनी बदलने की अनुमति होती है. फिलहाल सिम स्वैप के बाद कितने दिनों में पोर्ट की अनुमति मिलेगी. इस बारे में कोई नियम नहीं जारी किया गया है. जुलाई में नियमों के लागू होने के समय इस पर विस्तार से जानकारी प्राप्त होगी. आज के समय में आम लोगों की सभी वित्तीय जानकारी फोन पर आने वाले ओटीपी पर निर्भर है. यदि फोन नंबर गलत हाथों में पड़ जाए तो आपके पास नुकसान से बचने के ज्यादा विकल्प नहीं बचते हैं. आज के समय में बिना फोन चोरी हुए कार्ड स्वैपिंग से भी ये काम जारी था. माना जा रहा है कि इससे फ्रॉड की घटनाओं पर कुछ लगाम लगाई जा सकती है.
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