भारत में तेजी से नई कंपनियों का गठन हो रहा है. बीते वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2023-24 में देश में 1.85 लाख से अधिक कंपनियों का पंजीकरण हुआ. यह इससे पिछले वित्त वर्ष में पंजीकृत कंपनियों की संख्या से कहीं अधिक है. इस साल मार्च में लगभग 16,600 नई कंपनियां स्थापित की गईं. आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.
भारत में तेजी से बढ़ रही नई कंपनियां
अधिकारिक आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार, 2022-23 में 18,132.16 करोड़ रुपये की सामूहिक चुकता पूंजी के साथ 1,59,524 कंपनियां पंजीकृत हुई थीं. मार्च, 2024 के अंत में देश में कुल 26,63,016 कंपनियां थीं और इनमें से 16,91,495 या 64 प्रतिशत कंपनियां सक्रिय थीं.
इस आंकडें से पता चलता है कि इनमें से कम से कम 9,31,644 पंजीकृत कंपनियां बंद हो गईं, जबकि 2,470 निष्क्रिय थीं और 10,385 कंपनियां लिक्विदेशन के तहत थीं. कुल 27,022 कंपनियों को आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने की प्रक्रिया जारी थी.
कॉरपोरेट मामले के मंत्रालय ने दी जानकारी
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के मार्च के बुलेटिन के अनुसार, 2023-24 में कुल 30,927.40 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी वाली 1,85,312 कंपनियां पंजीकृत की गईं. इनमें से 71 प्रतिशत कंपनियां सेवा क्षेत्र की थीं। इसके बाद 23 प्रतिशत औद्योगिक क्षेत्र की और छह प्रतिशत कृषि क्षेत्र से संबंधित थीं.
राज्यों के लिहाज से क्या कहते हैं आंकड़ें?
राज्यों के लिहाज से देखा जाए, तो 2023-24 में 17.6 प्रतिशत नई कंपनियां महाराष्ट्र में स्थापित की गईं. आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च, 2024 तक देश में कुल 5,164 विदेशी कंपनियां पंजीकृत थीं और उनमें से 3,288 या 64 प्रतिशत सक्रिय थीं.