Companies Shutdown in India: पिछले 5 साल में भारत में एक लाख से भी ज्यादा कंपनियां बंद हो गई हैं. केंद्र सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, इस अवधि में कई कंपनियों ने दिवालिया होने की प्रक्रिया भी शुरू की. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक 1,06,561 कंपनियां किसी न किसी कारण से बंद हो गई हैं. इनमे से कई ने कारोबार बंद करने के लिए कंपनीज एक्ट, 2013 का इस्तेमाल किया , जबकि इनमें से ज्यादातर कंपनियों ने कंपनी लॉ के तहत खुद को सरेंडर किया है.
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि पिछले पांच सालों में 1168 कंपनियां दिवालिया हो गईं. इनमें से 633 को दिवालिया घोषित हो चुकी है जबकि बाकी मामले में भी प्रक्रिया चल रही है. कुछ कंपनियां 6 से 8 महीने में बंद हो गईं तो कुछ में 12 से 18 महीने तक का समय लग गया. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कंपनी बनाने और खत्म करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ-साथ इसे आसान बनाने की कोशिश की जा रही है. सदन में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पिछले पांच साल में 7946 विदेशी कंपनियों ने भारत में अपनी सब्सिडियरी स्थापित की है. कुल मिलाकर भारत में व्यापार के अवसर बढ़े हैं और विदेशी निवेशक देश में निवेश के लिए उत्सुक हैं. शेयर मार्केट की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, विदेशी निवेशक आईपीओ में शानदार निवेश कर रहे हैं.
महामारी से हुआ नुकसान
कोविड-19 महामारी के समय और उसके बाद पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आ गई थीं. चौतरफा कंपनियां बंद हो रही थी और इससे अरबों रुपये का नुकसान हुआ. इससे पहले सरकार ने 2021 में बताया था कि अप्रैल, 2020 से जून, 2021 के दौरान कुल 16,527 कंपनियों को बंद हो गईं. इसमें सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा कंपनियां तमिलनाडु में बंद हुई थीं. हालांकि सभी राज्यों में इसका असर दिख रहा था. दरअसल, कंपनी को नियमों का पालन न करने की वजह से सरकार इसे अपने ऑफिशियल रिकॉर्ड से हटा देती है.अगर कोई कंपनी 2 साल तक व्यापार न करे और न ही कारोबार शुरू करने के लिए अप्लाई करे तो रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा इसे बंद किया जा सकता है.