अगस्त से नवंबर के बीच शेयर बाजार में लिस्टेड 27 कंपनियों के शेयरों का लॉक इन पीरियड खत्म होने जा रहा है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि लॉक इन पीरियड खत्म होने के बाद कुछ शेयरधारक अपने शेयर की बिक्री करके मुनाफावसूली कर सकते हैं. वहीं कुछ शेयरधारक अपने घाटे में कटौती करने और स्टॉक के खराब प्रदर्शन को देखते हुए उससे बाहर निकलने पर भी विचार कर सकते हैं.
क्यों लगता है लॉक इन पीरियड
बता दें कि आईपीओ में लॉक इन पीरियड यह सुनिश्चित करने के लिए होता है कि आईपीओ जारी होने के बाद किसी फर्म के शेयर की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव और अस्थिरता को रोककर निवेशकों के हितों की रक्षा की जा सके. लॉक इन पीरियड खत्म होने का मतलब है कि इन कंपनियों के प्रमोटर्स, नॉन प्रमोटर्स और एंकर इन्वेस्टर्स अब अपने शेयर के बिक्री कर सकते हैं. पिछले साल कुछ प्रमुख आईपीओ जैसे एलआईसी, मैनकाइंड फार्मा और वेदांत फैशन आए थे.
शेयर बाजार के एक जानकार का कहना है कि हाल ही में पीएसयू शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया है, लेकिन आमतौर पर इनकी खरीदारी को लेकर निवेशकों में विश्वास का अभाव रहता है. उनका कहना है कि एलआईसी जैसी कंपनियों के निवेशक भी इसके शेयर से बाहर निकलने का विचार बना सकते हैं और इसके पीछे वजह यह है कि इस शेयर में अभी तक कोई अच्छा रिस्पॉन्स नहीं देखने को मिला है.
जानकारों का कहना है कि स्मॉल कैप और मिड कैप शेयरों में ज्यादा करेक्शन नहीं देखने को मिला है और बाजार अभी भी आईपीओ के लिए अनुकूल है. हालांकि जिन कंपनियों के शेयर अपने आईपीओ प्राइस से काफी ऊपर कारोबार कर रहे हैं, उनमें निवेशक समय आने पर मुनाफावसूली करने की कोशिश कर सकते हैं. प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल आईपीओ लाने वाली 27 कंपनियों में से सिर्फ चार कंपनियां ऐसी रही हैं जो अपने इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार कर रही हैं. उन कंपनियों में एलआईसी, ट्रैक्सन टेक्नोलॉजीज, उदयशिवाकुमार इंफ्रा और उमा एक्सपोर्ट्स हैं. वहीं 23 कंपनियों के शेयर इश्यू प्राइस के ऊपर कारोबार कर रहे हैं.