एक समय अनिल अंबानी समूह में सबसे मूल्यवान समझी जाने वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के कर्जदाताओं ने हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IndusInd International Holdings Ltd.) यानी IIHL के रेजोल्यूशन प्रस्ताव यानी समाधान योजना को मंजूरी दे दी है. IIHL के प्रस्ताव के पक्ष में 99.6 फीसदी वोट पड़े. दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही रिलायंस कैपिटल के लिए कर्ज समाधान के लिए लेंडर्स की ओर से 26 अप्रैल को करवाए गए नीलामी के राउंड में IIHL ने 9,661 करोड़ रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाई थी.
हालांकि इस राउंड में IIHL बोली लगाने वाली इकलौती कंपनी थी और इस बोली की रकम रिलायंस कैपिटल की 13,000 करोड़ रुपए की लिक्विडेशन वैल्यू से काफी कम है. लिक्विडेशन वैल्यू यानी वह राशि जिस पर एक कंपनी अपनी संपत्ति बेच कर देन दारियों का तुंरत निपटान कर सकती है.
इस कंपनी के पास रखी 500 करोड़ रुपए की नकदी को मिलाकर कर्जदाताओं को करीब 10,200 करोड़ रुपए की राशि मिलने की उम्मीद है. जबकि इस कंपनी पर 16,000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है. इस तरह कंपनी के लेंडर्स की करीब 65 फीसदी रकम की रिकवरी होगी. इस कंपनी के दिवाला प्रशासक की Hinduja group के इस प्रस्ताव को अगले हफ्ते NCLT की मुंबई बेंच के सामने रखने की योजना है.
हालांकि इस मामले पर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट की ओर से आएगा क्योंकि नीलामी के पहले राउंड में 8,640 करोड़ रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाने वाले टॉरेंट ग्रुप ने दूसरे राउंड के खिलाफ आपत्ति जाहिर की थी और इसके खिलाफ SC में शिकायत दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने लेंडर्स को दूसरा राउंड करवाने की मंजूरी तो दे दी थी पर इस केस में अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट के हाथ में ही है जिसपर अगस्त में अगली सुनवाई होगी और दूसरे राउंड की बोली का नतीजा भी इसी फैसले के अधीन ही होगा.