एक समय देश की दिग्गज एयरलाइन रही जेट एयरवेज (Jet Airways) का वापस ऑपरेशन शुरू होने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है. एयरलाइन के कर्जदारों ने सुप्रीम कोर्ट में साफ कह दिया है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी एनसीएलटी की ओर से एयरलाइन को फिर शुरू करने के लिए चलाया जा रहा रेजोल्यूशन प्लान असफल हो गया है. ऐसे में एयरलाइन को बंद कर देना चाहिए. कर्जदारों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि एयरलाइन की ओनरशिप लेने वाले जालान कॉलरॉक कंसोर्टियम ने अभी तक एयरलाइन में किसी भी तरह का कोई निवेश नहीं किया है, ऐसे में एयरलाइन को बंद कर देना चाहिए.
मई में खत्म हो गई थी एयर ऑपरेटर प्रमाणपत्र की अवधि
कर्जदाताओं की कमेटी यानी सीओसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जेट एयरवेज के एयर ऑपरेटर प्रमाणपत्र का नवीनीकरण करने के लिए DGCA तैयार नहीं है. बता दें कि एयर ऑपरेटर प्रमाणपत्र की अवधि मई में खत्म हो गई थी. वेंकटरमन ने कहा कि कंसोर्टियम कंपनी में निवेश करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं कर पाया है, लेकिन इसके बावजूद कंसोर्टियम को एनसीएलटी से कई बार विस्तार मिला था. बता दें कि कंपनी के दिवालिया घोषित होने के बाद सीओसी का गठन किया जाता है. यह वित्तीय ऋणदाताओं का एक निकाय है जो हितधारकों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है.
अतिरिक्त सॉलिसिटर ने कहा है कि कर्जदाताओं की कमेटी को अगर कंपनी से बकाये का वसूल करना है तो कंपनी को परिसमापन (Liquidation) की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा. कर्जदाताओं का पैसा चुकाने और कारोबार को बंद करने के लिए परिसंपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया को परिसमापन कहा जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने जालान कलरॉक कंसोर्टियम से जवाब के लिए अगली सुनवाई दो हफ्ते में होगी.