आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है. बीमा नियामक इरडा (IRDAI) ने सहारा लाइफ का कारोबार एसबीआई (SBI) लाइफ इंश्योरेंस को सौंपने का फैसला लिया है. इस बारे में एसबीआई लाइफ ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि वह सहारा लाइफ इंश्योरेंस का विलय नहीं कर रही है बल्कि संकटग्रस्त कंपनी की बीमा पॉलिसियों को हस्तांतरण किया जा रहा है.
क्या है वजह?
सहारा समूह की बीमा कंपनी इरडा के नियमों को पालन नहीं कर रही थी. इस वजह से नियामक यह अहम फैसला लिया है. इरडा ने बयान में कहा है कि सहारा लाइफ इंश्योरेंस के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया लेकिन बीमा कंपनी पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा के दिशा में संतोषजनक कदम नहीं उठा पाई. कारोबार ठप पड़ने से इस बीमा कंपनी का घाटा बढ़ता जा रहा है और वित्तीय स्थिति बिगड़ती जा रही है. ऐसे में आशंका थी कि कंपनी पॉलिसीधारकों की मैच्योरिटी का भुगतान नहीं कर पाएगी. इससे ग्राहकों के हित खतरे में पड़ जाएंगे इसलिए उनके हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाना जरूरी थी. इरडा ने सहारा लाइफ की पॉलिसियों को ट्रांसफर करने के लिए इरडा एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस को को उपयुक्त पाया है.
कितने पॉलिसीधारक?
इरडा के आंकड़ों के अनुसार सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के करीब दो लाख पॉलिसियां सक्रिय हैं. अब ये सभी पॉलिसियां एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस को ट्रांसफर कर दी जाएंगी. बता दें कि सहारा लाइफ इंश्योरेंस को वर्ष 2004 में कारोबार के लिए लाइसेंस मिला था. वर्ष 2017 में कंपनी वित्तीय सेहत खराब हो गई. इसके बाद इरडा ने इस बीमा कंपनी के कारोबार की देखरेख के लिए प्रशासक नियुक्त किया था.
ग्राहकों को फायदा
बीमा नियामक ने एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस को सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के पॉलिसीधारकों तक पहुंचने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा है. साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक अलग हेल्पलाइन जारी करने के निर्देश दिए हैं. इरडा ने कहा कि ग्राहकों के हित प्रभावित न हों, इसके लिए मामले पर उसकी नजर बनी रहेगी. इरडा के इस फैसले से सहारा लाइफ से जुड़े बीमाधारकों को भारी राहत मिलेगी.