आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के आने से कई काम चुटकियों में हो जा रहे हैं. ऐसे में लोगों को नौकरी जाने का डर सताने लगा है. माइक्रोसॉफ्ट की वर्क ट्रेंड इंडेक्स 2023 रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि कम से कम 74% भारतीय कर्मचारियों का मानना है कि एआई की वजह से उनकी नौकरियां जा सकती हैं. वे इसे लेकर चिंता में है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 83% कर्मचारी अपने वर्कलोड को कम करने के लिए एआई का सहारा लेंगे.
क्या है कर्मचारियों की राय?
माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में पाया गया कि चार में से तीन से ज्यादा भारतीय कर्मचारी न केवल प्रशासनिक कार्यों (86%) के लिए बल्कि विश्लेषणात्मक कार्य (88%) और क्रिएटिव कामों (87%) के लिए भी एआई का आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे. इसके अलावा, 100 प्रतिशत भारतीय क्रिएटिव (रचनात्मक) कर्मचारी, जो एआई से अच्छे से वाकिफ हैं वह अपने काम को और बेहतर बनाने के लिए भी इसका उपयोग कर सकेंगे. साथ ही अपने काम के रचनात्मक पहलुओं के लिए एआई का उपयोग करने में सहज होंगे। इस बीच, भारतीय प्रबंधकों का कहना है कि एआई के आने से कर्मचारियों की संख्या में कटौती के बजाय उत्पादन क्षमता बढ़ेगी. इससे कर्मचारियों के काम में ज्यादा सुधार आएगा.
एआई से क्रिएटिविटी बढ़ेगी
इस बारे में माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के मॉडर्न वर्क के कंट्री हेड भास्कर बसु का कहना है कि हमारा अभी जैसा काम है, एक बार एआई उसमें सेट होते ही लोगों के काम में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. साथ ही एआई के अपडेटेड वर्जन से उत्पादन क्षमता ज्यादा विकसित होगी. इसके अलावा ये हमारे जॉब कल्चरल में मौजूद नीरसता को खत्म करेगा. हर किसी के बेहतर भविष्य के लिए संस्थानों और टीम लीडर्स को यह देखना चाहिए कि एआई का सही इस्तेमाल करें. वे काम के नए तरीके खोजने के लिए इसके साथ लगातार टेस्टिंग और प्रयोग करें.
माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में यह बात भी पता चली है कि 90 प्रतिशत भारतीय लीडर्स का कहना है कि जिन कर्मचारियों की वे भर्ती करेंगे उनमें एआई की ग्रोथ को विकसित करने के लिए दक्षता होनी चाहिए. वहीं 78 प्रतिशत भारतीय कर्मचाािरयों का कहना है कि अभी उनमें अपने काम को करने के लिए उतनी क्षमता नहीं है.