स्नैक्स बनाने वाली जानी मानी कंपनी हल्दीराम को खरीदने के लिए कई कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है. बेन कैपिटल, सिंगापुर की टेमासेक के साथ, हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए ब्लैकस्टोन के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम के साथ कॉम्पीटिशन कर रही है. ब्लैकस्टोन, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड GIC के साथ साझेदारी करके हल्दीराम का अधिग्रहण चाहती हैं. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सौदा सफल रहने पर यह भारत के इतिहास में सबसे बड़ा प्राइवेट इक्विटी अधिग्रहण हो सकता है.
कितना रखा गया वैल्यूएशन?
पिछले हफ्ते, बेन और टेमासेक ने एक नॉन बाइंडिंग ऑफर पेश किया था. इस ऑफर में हल्दीराम का मूल्य 8-8.5 अरब डॉलर आंका गया था. इससे पहले तक दोनों कंपनियां हल्दीराम के साथ अलग-अलग बातचीत में शामिल थी. दूसरी ओर, ब्लैकस्टोन, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड GIC के साथ साझेदारी करके, हल्दीराम में 76 प्रतिशत तक हिस्सेदारी लेना चाहती है. हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि बेन के सीमित साझेदारों में ADIA और GIC भी शामिल हैं.
हल्दीराम बातचीत में शामिल
बेन कैपिटल पिछले महीनों में हल्दीराम चलाने वाले अग्रवाल परिवार के साथ चर्चा में रहा है. हालाँकि शुरू में छोटे निवेश के इर्द-गिर्द बातचीत घूमती रही. लेकिन जब उन्होंने एक पुनर्गठन योजना को अंतिम रूप दिया तो बहुसंख्यक हिस्सेदारी बेचने में परिवार की दिलचस्पी सामने आई. इस योजना में स्नैक्स व्यवसाय का विलय और रेस्तरां चेन को अलग करना शामिल है. अग्रवाल परिवार इसे बनाए रखना चाहता है.
सौदे को अंतिम रूप देना चाहती है कंपनी
दोनों दावेदारों का लक्ष्य अगले कुछ महीनों के भीतर NCLT की मंजूरी से विलय के साथ-साथ सौदे को अंतिम रूप देना है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने विलय योजना को अपनी मंजूरी दे दी है. अग्रवाल परिवार को हाई वैल्यूएशन की उम्मीदों के चलते बातचीत में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि बोलियों में लगे इस कॉम्पीटिशन से भारत के स्नैकिंग परिदृश्य को नया रूप मिलेगा.