संकटग्रस्त टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के शेयरों में आ रही तेजी को देख निवेशक उत्साहित हैं. कई निवेशक वोडाफोन आइडिया में मुनाफावसूली की योजना बना रहे हैं. भारत सरकार ने भी वोडाफोन आइडिया में एक बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है. इसे देखते हुए दूरसंचार विभाग चाहता है कि सरकार वोडाफोन आइडिया में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर राजस्व हासिल करे. हालांकि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने यह साफ किया है कि सरकार की फिलहाल वोडाफोन आइडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोई योजना नहीं है.
वोडाफोन आइडिया पर स्पेक्ट्रम फीस का 16,133 करोड़ रुपए बकाया था. वित्तीय संकट के चलते कंपनी इसे चुकाने में असमर्थ थी. कंपनी को बचाने के लिए 9 महीने पहले सरकार ने बकाया राशि को इक्विटी में बदलने का समझौता किया. इसके तहत वोडाफोन आइडिया ने 16,133 करोड़ रुपए के बकाया के बदले सरकार को कंपनी में 33.44 फीसदी हिस्सेदारी की पेशकश की.
फरवरी 2023 में दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन आइडिया में 33.44 फीसदी हिस्सेदारी 10 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से खरीदी थी. उस समय वोडाफोन आइडिया का शेयर एक्सचेंज पर 7 रुपए के आसपास कारोबार कर रहा था. इस महीने 20 तारीख को वोडाफोन आइडिया का शेयर बीएसई पर 52 हफ्ते की ऊंचाई 15.07 पर पहुंचा था. हालांकि अब कंपनी का शेयर कुछ गिरावट के बाद 13.18 रुपए के आसपास कारोबार कर रहा है.
वोडाफोन आइडिया में आई इस तेजी के बाद दूरसंचार विभाग ने दीपम से यह पूछा था कि क्या राजस्व हासिल करने के लिए वोडाफोन आइडिया के शेयरों का एक हिस्सा बाजार में बेचा जा सकता है. हालांकि दीपम के अधिकारियों ने कहा है कि सरकार की वोडाफोन आइडिया में अपनी हिस्सेदारी कम करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है.
बुधवार को बीएसई पर वोडाफोन आइडिया का शेयर 0.75% गिरकर 13.18 रुपए पर कारोबार कर रहा है. इस हिसाब से कंपनी में सरकार की 33.44 फीसदी हिस्सेदारी की वैल्यू 24,300 करोड़ रुपए के करीब बनती है, जो 16,133 करोड़ रुपए की निवेश राशि पर 51 फीसदी रिटर्न दे रही है.
दीपम के अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने वोडाफोन आइडिया में लंबी अवधि तक बने रहने के लक्ष्य के साथ निवेश किया है. यह निवेश एक राहत पैकेज था और कंपनी को पूंजीगत व्यय और विकास के लिए अधिक इक्विटी निवेश और कर्ज से जुड़ी कई मुद्दों को हल करने की जरूरत है.
वोडाफोन आइडिया के शेयरों में आई तेजी का प्रमुख कारण वो खबरें हैं, जिनमें कंपनी ने दावा किया था कि वह इस साल दिसंबर अंत तक पूंजी जुटाने का काम पूरा कर लेगी. कंपनी के इस बयान के बाद निवेशकों की धारणा मजबूत हुई और उन्होंने वोडाफोन आइडिया में खरीदारी की. लेकिन हाल में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया का पूंजी जुटाने का लक्ष्य दिसंबर तक पूरा होना मुश्किल है. इसके बाद एक बार फिर वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट का दौर शुरू हो गया है.
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