वित्तीय संकट से जूझ रही एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) के दोबारा उड़ान भरने में अभी और देरी होगी. हालांकि एयरलाइन को हाल ही में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) से दोबारा अपना कामकाज शुरू करने की मंजूरी मिल गई थी, अब भी कई दिक्कतें हैं जो एयरलाइन की विमानों को उड़ान भरने से रोके हुई हैं.
ताजा जानकारी के मुताबिक एयरलाइन ने 27 जुलाई तक की अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं. गो फर्स्ट ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए, अपने ग्राहकों से माफी मांगी है.
डीजीसीए से मिली थी मंजूरी
इससे पहले गो फर्स्ट ने पिछले महीने एविएशन रेगुलेटर को अपनी सेवाएं बहाल करने से जुड़ा प्लान सौंपा था. इस प्लान को डीजीसीए से मंजूरी मिल गई थी और इस वजह से एयरलाइन की सेवाएं बहाल होने की उम्मीद जगी थी. डीजीसीए ने कुछ शर्तों के साथ गो फर्स्ट को दोबारा उड़ाने भरने की मंजूरी दे दी थी. रेगुलेटर ने कहा था कि उसने एयरलाइन को 15 विमान या रोजाना 114 उड़ानें भरने की मंजूरी दी है. लेकिन अब लगता है कि एयरलाइन का कामकाज फिर से चालू होने में अभी और देगी होगी.
खत्म नहीं हो रहा संकट
गौरतलब है कि एयरलाइन ने इस साल मई में दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के लिए आवेदन दिया था. तब से उसकी उड़ानें रद्द हैं.
डीजीसीए का कहना है कि गो फर्स्ट अंतरिम फंड की उपलब्धता और उससे फ्लाइट शेड्यूल की मंजूरी के बाद ही अपना कामकाज बहाल कर सकती है.
एयरलाइन की उड़ानें भरने के लिए अंतरिम फंडिंग की व्यवस्था होनी जरूरी है. जून में एयरलाइन को कर्जदाताओं से 450 करोड़ रुपए की अंतरिम फंडिंंग को लेकर इन-प्रिसिंपल अप्रूवल (सैद्धांतिक मंजूरी) मिली थी.
कानूनी पेंच
एयरलाइन और उसके विमान पट्टेदारों के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है. दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित रिट याचिकाओं, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में लंबित याचिकाओं पर फैसला आने के बाद ही गो फर्स्ट का कामकाज दोबारा शुरू हो सकता है.
दिल्ली हाईकोर्ट 3 अगस्त को मामले में अगली सुनवाई करेगा.