आईटी समेत कई प्राइवेट कंपनियों में छंटनी का दौर चल रहा है, जिससे नए रोजगार का मौका काफी कम हो गया है. सरकारी नौकरियों में भी हालत कुछ अच्छे नहीं है. केंद्र सरकार की नौकिरयों में स्वीकृत पदों और कार्यरत कर्मचारियों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है. इस बात का खुलासा वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की ओर से तैयार की गई वार्षिक पे एंड अलाउंस रिपोर्ट में हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार में करीब 9.64 लाख से ज्यादा पद खाली हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र शासित राज्यों को छोड़कर केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले सिविलियन कर्मचारियों (रक्षा क्षेत्र के अलावा) की स्वीकृत पदों की संख्या 39.77 लाख थी. यह आंकड़ा मार्च 2022 तक के लिए था जबकि साल 2021 मार्च में य संख्या 40.35 लाख थी. वर्तमान में पदों पर आसीन कर्मचारियों की संख्या में भी गिरावट आई है. यह 30.56 लाख से घटकर 30.13 लाख रह गई है. रिपोर्ट के मुताबिक स्वीकृत पदों की संख्या तीन सालों में सबसे कम रही वहीं कार्यरत कर्मचारियों की संख्या साल 2010 के बाद सबसे कम रही. इसके अलावा खाली पदों की संख्या भी कम रही है. हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि स्थिति में सुधार होगा क्योंकि प्रधानमंत्री ने पिछले अक्टूबर में 10 लाख नई नौकरी की घोषणा की थी.
विभाग वार क्या है स्थिति?
सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों का करीब 92 फीसद हिस्सा रेलवे, रक्षा, गृह मंत्रालय, डाक और राजस्व विभाग से कवर होता है. सिर्फ रेलवे की ओर से 10 में से 4 सिविलियन के लिए जॉब निकाली जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2022 तक इसमें स्वीकृत पदों की संख्या 15.07 लाख से ज्यादा थी. जबकि कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 11.98 लाख थी. इसका मतलब यह है कि करीब 3 लाख से ज्यादा वैकेंसी खाली हैं. वहीं डिफेंस (रक्षा) में 5.77 लाख पदों की स्वीकृत मिली थी, जिनमें महज 3.45 लाख पदों को ही भरा गया है. बाकी पद खाली हैं. इसी तरह गृह मंत्रालय में स्वीकृत पदों की संख्या 10.90 लाख है, जिनमें से 9.69 लाख पद ही भरे गए हैं. अभी भी 1.20 लाख पद खाली हैं.