एक क्लिक और कुछ ही मिनटों में सब्जी से लेकर राशन तक घरेलू ज़रूरत के सामान की डिलिवरी करने वाले लास्ट मिनट ऐप ब्लिकिंट (Blinkit) के डिलीवरी कर्मचारियों की हड़ताल आखिरकार ख़त्म हो गई है. डिलीवरी पार्टनर्स की हड़ताल से पिछले कुछ दिनों से ब्लिंकिट का दिल्ली-एनसीआर में ऑपरेशन बंद था. हड़ताल से की वजह से ज्यादातर ब्लिंकिट स्टोर बंद हो गए थे लेकिन अब इनका परिचालन फिर शुरू हो गया है. इस हड़ताल की वजह थी डिलीवरी पेआउट में की गई कटौती. दरअसल कंपनी पहले अपने डिलीवरी पार्टनर्स को हर डिलीवरी के लिए 25 रुपए देती थी लेकिन उसने इसे घटाकर 15 रुपए कर दिया था. इसी बात को लेकर डिलीवरी पार्टनर्स हड़ताल पर चले गए थे. कहा जा रहा है कि डिलीवरी पेआउट (delivery Payout) पर सहमति बन गई है और ब्लिंकिट ने फिर घरेलू सामान की त्वरित आपूर्ति की सर्विस शुरू कर दी है. इसके नोटिफिकेशन भी लोगों को मोबाइल पर आने लगे हैं. हालांकि डिलिवरी पार्टनर्स के साथ कंपनी की क्या सहमति बनी है, इस बारे में भी कंपनी ने खुलासा नहीं किया है.
ब्लिंकिट के हवाले से उसके स्वामित्व वाली कंपनी जोमेटो (Zomato) ने शेयर बाजारों से कहा ”अपने कर्मचारियों, डिलीवरी पार्टनर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने कुछ स्टोर थोड़े दिन के लिए बंद कर दिए थे, हालांकि इनमें से ज्यादातर स्टोर पर परिचालन शुरू हो गया है. ” इसके साथ ही जोमेटो ने कहा कि इस विवाद की वजह से उसके राजस्व पर 1 फीसद से भी कम का असर पड़ा. इस घोषणा के बाद जोमेटो के शेयरों में भी मामूली तेज़ी देखने को मिली.
ब्लिंकिट पहले भी इस तरह की डिलीवरी पेआउट कटौती कर चुकी है. शुरुआत में कंपनी हर एक डिलीवरी के लिए 50 रुपए देती थी लेकिन इसे घटाकर 25 रुपए कर दिया गया और अब 15 कर दिए जाने से डिलीवरी कर्मचारी नाराज़ हो गए थे और हड़ताल पर चले गए. उनका कहना है कि महंगाई के दौर में कंपनी उनकी आमदनी बढ़ाने के बजाए उस पर कैंची चलाने में लगी है.
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