नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) को सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत से राहत मिली है. कोर्ट ने अमेरिकी इंजन निर्माता कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) को आदेश दिया कि वह अगस्त से गो फर्स्ट एयरलाइंस को पांच इंजन की आपूर्ति करे. पीेएंडडब्ल्यू ने कहा है कि वह कोर्ट के फैसले का पालन करेगी. इससे संकटग्रस्त विमानन कंपनी के फिर से उड़ान भरने की आस जगी है.
सिंगापुर की अदालत ने पीएंडडब्लूय को आदेश दिया है कि अगस्त से दिसंबर तक हर महीने गो फर्स्ट एयरलाइंस को पांच इंजनों की आपर्ति करे. इस दिशा में बिना किसी देरी के कदम उठाए जाएं. बता दें कि गो फर्स्ट ने नौ मई को एनसीएलटी में दिवालियापन की घोषणा के लिए आवेदन सौंपा था. कंपनी ने वित्तीय संकट के कारण तीन मई, 2023 से अपनी उड़ानें निलंबित कर दी थीं. कंपनी ने कहीं न कहीं प्रैट और व्हिटनी को भी इसकी वजह मानी थी क्योंकि उसने इंजनों की डिलीवरी करने में देरी की थी. तभी से दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है.
हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देगी गो फर्स्ट संकटग्रस्ट विमानन कंपनी गो फर्स्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में Go First को विमान लीज पर देने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों को अगले तीन दिन के अंदर एयरपोर्ट पर खड़े 30 विमानों की जांच की अनुमति देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि लेसर्स (पट्टेदार) एयरपोर्ट पर जा सकते हैं और वह महीने में कम से कम दो बार विमान का रखरखाव और निरीक्षण कर सकते हैं. गो फर्स्ट ने एनसीएलटी को बताया कि इससे कंपनी के फिर से उड़ान भरने की योजना बाधित हो सकती है. इसलिए वह हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देगी.
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