आने वाले दिनों में कारों की कीमत बढ़ने की आशंका जताई जा रही है क्योंकि स्टील कंपनियों की तरफ से कार कंपनियों को जिस कीमत पर स्टील की सप्लाई होती है. उसमें आने वाले दिनों में बढ़ोतरी हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक स्टील कंपनियों ने कार कंपनियों से कहा है कि वे कीमतों में प्रति टन 2,000 रुपए से 6,000 रुपए की बढ़ोतरी कर सकती हैं. देश में औसत गाड़ी तैयार करने में जिस कच्चे माल का इस्तेमाल होता है. उसमें 60-65 फीसद हिस्सेदारी स्टील की होती है. ऐसे में स्टील महंगा हुआ, तो कार भी महंगी होगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले 10-15 दिन में या इस महीने के आखिर तक अनुबंधों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है. कार कंपनियों को सप्लाई किए जाने वाली स्टील की संशोधित कीमतें अक्टूबर की सप्लाई के लिए लागू होंगी. बता दें कि चालू वित्त वर्ष के दौरान ऑटो ग्रेड स्टील के अनुबंध मूल्य में 3,000-4,000 रुपए प्रति टन की गिरावट दर्ज की गई है.
कार बनाने वाली कंपनियां कीमतों में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए अप्रैल 2022 में 45 दिन के कॉन्ट्रैक्ट के बजाय तिमाही कॉन्ट्रैक्ट की ओर रुख कर गई थीं. बता दें कि घरेलू ऑटो कंपनियों की ओर से अप्रैल से सभी श्रेणियों में कीमतों में 10,000-30,000 रुपए की बढ़ोतरी शुरू की गई थी. जुलाई, सितंबर और अक्टूबर में भी चुनिंदा कंपनियों के द्वारा चुनिंदा मॉडलों (वाणिज्यिक समेत) की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया गया था.