अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Reliance Infrastructure Ltd) ने बुधवार को कहा कि 8,000 करोड़ रुपये मुआवजा देने के आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के फैसले को निरस्त करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश से उसपर कोई देनदारी नहीं आई है. आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) के पक्ष में फैसला देते हुए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) को आदेश दिया था कि वह समझौता रद्द करने के एवज में उसे 8,000 करोड़ रुपये का मुआवजा दे.
इस फैसले के बाद डीएमआरसी अब तक 3,300 करोड़ रुपये का भुगतान रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को कर चुकी थी. डीएएमईपीएल रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की अनुषंगी इकाई है. उच्चतम न्यायालय ने आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल का फैसला रद्द करते हुए कहा कि डीएएमईपीएल को अब तक दी जा चुकी समूची राशि वापस करनी होगी.
इस फैसले पर कंपनी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के इस आदेश से उस पर कोई देनदारी नहीं बनती है क्योंकि डीएएमईपीएल एक अलग इकाई है और यह जिम्मेदारी उसी पर आती है. रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि डीएमआरसी की तरफ से चुकाई गई राशि उसे नहीं मिली है और यह डीएएमईपीएल के खाते में गई है.
दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो मार्ग पर परिचालन का जिम्मा डीएएमईपीएल को मिला था लेकिन इसने कुछ सुरक्षा एवं तकनीकी बिंदुओं का हवाला देते हुए खुद को मेट्रो परिचालन से अलग कर लिया था.