Government warned airlines portals: एयरलाइंस कंपनियों और ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर्स को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने चेतावनी दी है. मंत्रालय ने हर सीट को पेड नहीं दिखाने को लेकर अलर्ट जारी किया है. दरअसल, कंपनियां मुफ्त अनिवार्य वेब चेक-इन’ के ‘मिसलिडिंग क्लेम’ के बावजूद सभी सीट को ‘Paid’ के रूप में दिखाती हैं. ऐसे में ग्राहक कंफ्यूज हो जाते हैं और कन्फर्म टिकट होने पर भी यात्रियों की बोर्डिंग नहीं हो पाती और इसके बाद रिफंड में देरी की जाती है. ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए मंत्रालय ने यह चेतावनी दी है.
किस तरह की शिकायतें सबसे ज्यादा
दरअसल, विभाग के पास इसको लेकर लंबे समय से शिकायतें आ रही हैं. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर पिछले एक साल में एयरलाइंस को लेकर लगभग 10,000 शिकायतें हुई हैं. टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एनसीएच डेटा के मुताबिक लगभग 41% शिकायतें टिकट कैंसिल करने के बाद भी एयरलाइंस के रिफंड से इनकार करने की मिली हैं, जबकि 15% शिकायते सेवाओं में कमी और 5% शिकायतें वैलिड टिकट होने के बावजूद यात्रियों के बोर्डिंग से इनकार करने को लेकर की गई हैं. मंत्रालय ने कहा है कि यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार करने पर अपनी यात्रा कैंसिल करनी पड़ती है या हद से ज्यादा कीमत पर नए टिकट बुक करने पड़ते हैं.
इस तरह की कर रही इंटरफेस डिजाइन
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि एयरलाइंस इस तरह से ऑनलाइन इंटरफेस डिजाइन कर रही थी, जो कंपनी के मन के हिसाब से नहीं चलेगी. विभाग ने कहा है कि इस तरह का ‘भ्रामक और छलपूर्ण आचरण’ उपभोक्ताओं के हितों का शोषण करता है और इसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत अनुचित व्यापार अभ्यास में शामिल किया गया है.