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भारत अपने आयात स्रोतों में विविधता लेकर आया है और देश सबसे सस्ती उपलब्ध दरों पर खरीदारी करेगा: हरदीप सिंह पुरी
सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों तेल विपणन कंपनियों ने पिछले 21 महीनों से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है.
डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर शुल्क घटाकर शून्य कर दिया है.
अमेरिका ने 2018 में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस्पात उत्पादों पर 25 प्रतिशत और एल्यूमीनियम के कुछ उत्पादों पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया था.
अक्टूबर में पेट्रोल और डीजल दोनों की मांग बढ़ी थी लेकिन नवंबर में डीजल की खपत 7.5 प्रतिशत गिर गई थी.
पिछले कुछ वर्षों में स्पॉट टेंडर के जरिए कच्चे तेल की खरीद में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में कच्चा तेल आयात की मात्रा जनवरी 2023 के बाद से सबसे कम थी.
2024 में लोकसभा चुनाव से पहले सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम में 10 रुपए प्रति लीटर तक की कर सकती है बड़ी कटौती.
रसायन और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र की सतत वृद्धि ने गुजरात ने अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है.
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है और अपनी अधिकांश जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है.