इस साल चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड का रिकॉर्ड टूट सकता है. दरअसल, साल 2023 में चांदी की औद्योगिक मांग 8 फीसद की बढ़ोतरी के साथ रिकॉर्ड 632 मिलियन औंस रहने का अनुमान है. इंडस्ट्रियल मांग में बढ़ोतरी की मुख्य वजह फोटोवोल्टिक्स, पावर ग्रिड, 5जी नेटवर्क, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन उद्योग की ओर से मांग में बढ़ोतरी है. मेटल्स फोकस के प्रबंध निदेशक फिलिप न्यूमैन और माइन सप्लाई के निदेशक सारा टॉमलिंसन ने यह जानकारी साझा की है.
चांदी की कुल मांग घटने की आशंका
हालांकि वैश्विक स्तर पर 2023 में चांदी की कुल मांग में कमी की आशंका है और यह 10 फीसद घटकर 1.14 बिलियन औंस रहने का अनुमान है. इंडस्ट्रियल मांग में बढ़ोतरी की वजह से अन्य प्रमुख क्षेत्रों में मांग में हुई कमी की भरपाई होने का अनुमान लगाया गया है. इस साल चांदी की ज्वैलरी और चांदी के बर्तनों की मांग क्रमशः 22 फीसद और 47 फीसद गिरकर 182 मिलियन औंस और 39 मिलियन औंस रहने का अनुमान है. चांदी की ज्वैलरी और बर्तनों की मांग में कमी की मुख्य वजह भारत को माना जा रहा है. दरअसल, 2022 में भारत में इनकी मांग में उछाल दर्ज किया गया था, जबकि 2023 में पूरे साल मांग सामान्य बना रहने की उम्मीद है.
2023 में फिजिकल इन्वेस्टमेंट 21 फीसद गिरकर तीन साल के निचले स्तर 263 मिलियन औंस पर आने का अनुमान है. मुख्य रूप से भारत और जर्मनी में फिजिकल इन्वेस्टमेंट में गिरावट दर्ज की गई है. भारत की बात करें तो भाव ऊंचा होने की वजह से नए निवेशकों ने हाजिर बाजार में खरीदारी कम की और पुराने निवेश की बिक्री करके मुनाफा कमाने पर जोर दिया है.