सरकारी कर्मचारियों की पेंशन व्यवस्था को लेकर चल रहे घमासान का अंत आगामी महीने हो सकता है. दरअसल 1 फरवरी के अंतरिम बजट में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) पर स्टेटस रिपोर्ट पेश किए जाने की संभावना है. वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता वाला समूह इस योजना की समीक्षा कर रहा है और इस महीने के आखिर तक रिपोर्ट सौंपे जाने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में पेंशनभोगियों में एनपीएस को लेकर बनीं चिंता को ध्यान में रखते हुए इसमें कुछ बदलाव किए जा सकते हैं.
अधिकतर सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को दोबारा बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं. इसमें कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी की 50% राशि पेंशन के रूप में मिलती है. पिछले साल राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश ने ओपीएस को बहाल करने का फैसला किया था. वहीं तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल ने पहले ही ओपीएस का समर्थन किया था. जबकि बाकी राज्यों में एक जनवरी, 2004 से केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए एनपीएस लागू किया गया था. केंद्र सरकार का कहना है कि ओपीएस से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है, इस कारण इसे हटा दिया गया था. आरबीआई और कई अर्थशास्त्रियों ने भी ओपीएस को बहाल करने का विरोध किया है. उनका कहना है कि इस कदम से राज्यों की वित्तीय स्थिति गड़बड़ा जाएगी.
बता दें केंद्र ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत पेंशन के मुद्दे पर गौर करने के लिए पिछले साल अप्रैल में पैनल का गठन किया था. समिति को राजकोषीय विचारों को ध्यान में रखते हुए एनपीएस पेंशन लाभों में सुधार के उपाय सुझाने के लिए कहा गया था. इसी की रिपोर्ट बजट में पेश की जाएगी. पैनल ने चर्चाओं में एनपीएस पर कुछ बदलावों और गारंटी पर विचार किया है, लेकिन पुरानी पेंशन योजाना को वापस लागू करने के पक्ष में नहीं है. हालांकि केंद्र कोई भी कार्रवाई करने से पहले जनता से परामर्श ले सकता है.