सरकार ने अंतरिम बजट में परिधान, कपड़ा और ‘मेड-अप’ के लिए निर्यात प्रोत्साहन योजना आरओएससीटीएल को 31 मार्च, 2026 तक जारी रखने की मंजूरी दी.
‘मेड-अप’ ऐसे वस्त्र होते हैं जिनका उत्पादन कैनवास बैग, कालीन, टेपेस्ट्री, तकिया कवर, रसोई लिनेन और अन्य शिल्प वस्तुओं जैसे विभिन्न उपयोगी उत्पादों में किया जाता है.
राज्य और केंद्रीय करों तथा उपकरों में छूट (आरओएससीटीएल) योजना का उद्देश्य परिधान/कपड़ा और मेड-अप के निर्यात पर शुल्क वापसी योजना के तहत प्रदान की गई छूट के अलावा राज्य और केंद्रीय करों और उपकरों की भरपाई करना है.
आधिकारिक बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परिधान/कपड़ा और मेड-अप के निर्यात के लिए आरओएससीटीएल की योजना को 31 मार्च, 2026 तक जारी रखने की मंजूरी दी.”
इसमें कहा गया है कि यह कदम एक स्थिर नीति व्यवस्था प्रदान करेगा, जो दीर्घकालिक व्यापार योजना के लिए जरूरी है.