Budget 2024: उम्र के बढ़ते पड़ाव के साथ बीमार होने का जोखिम भी बढ़ जाता है. लोगों की सेहत की सुरक्षा के लिए सरकार की आयुष्मान भारत योजना चल रही है लेकिन इसमें सभी लोग शामिल नहीं है. ऐसे में कई गैर सरकारी संगठनों ने बजट में सभी बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने और ऑनलाइन परामर्श की सुविधा मुहैया कराने के उपाय करने की मांग की है. चुनावी साल होने की वजह से इस बार एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया जाएगा. हेल्पएज इंडिया और एजवेल फाउंडेशन ने मांग की है कि बजट में बुजुर्गों के कल्याण का ध्यान रखा जाए. एजवेल फाउंडेशन 87,500 से अधिक स्वयंसेवकों के साथ बुजुर्गों की सहायता के लिए काम करता है.
एजवेल फाउंडेशन ने आगामी बजट के लिए अपनी अपेक्षाओं को रेखांकित करते हुए मांगों की एक सूची जारी की है. इसमें गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) वाले परिवारों के बुजुर्गों के लिए मासिक न्यूट्री (पोषक) किट, स्थानीय स्तर पर समर्पित स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं तथा बुजुर्गों के समक्ष आने वाले विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए ऑनलाइन परामर्श सेवाएं शामिल हैं. हेल्पएज इंडिया से जुड़ी अनुपमा दत्ता ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) और बुजुर्गों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएचसीई) जैसी योजनाओं में हुई प्रगति को रेखांकित किया.
दत्ता ने कहा कि सरकार पीएमजेएवाई के दायरे में आयकरदाताओं को छोड़कर सभी बुजुर्गों खासतौर पर महिलाओं, बेहद उम्रदराज लोगों तथा दिव्यांगों को शामिल करने पर विचार कर सकती है. उन्होंने सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को समायोजित करने के लिए खासतौर पर बाह्य रोगी उपचार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएचसीई) के विस्तार की भी वकालत की. इसके अलावा दत्ता ने कहा कि महिलाओं खासकर से बुजुर्ग महिलाओं जो घर का काम संभालती हैं, उनके लिए देखभालकर्ता भत्ता सम्मान, स्वतंत्रता तथा आत्म-संतुष्टि सुनिश्चित करेगा.