Budget 2024: रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सोने के आयात पर बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) में की गई बढ़ोतरी को अंतरिम बजट में वापस लेने का अनुरोध करते हुए एक तर्कसंगत कर संरचना लागू करने की मांग की है. उद्योग निकाय ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा कि आभूषण उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब सात प्रतिशत का योगदान देता है लिहाजा यह एक व्यापार-अनुकूल माहौल का हकदार है.
लेनदेन की सीमा को बढ़ाने का अनुरोध
मेहरा ने कहा कि इससे सरकार को भी फायदा होगा. हम वित्त मंत्रालय से आगामी केंद्रीय बजट में सोने पर बढ़ी हुई बीसीडी को वापस लेने का आग्रह करते हैं. इसके अलावा एक तर्कसंगत कर संरचना भी विकसित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि फिलहाल यथामूल्य पर 12.5 प्रतिशत बीसीडी लगता है, जिससे आयातित सोने पर कुल कर 18.45 प्रतिशत हो जाता है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि सोने की कीमतें बढ़ने के कारण पैन कार्ड लेनदेन की सीमा को मौजूदा दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जाए.
मेहरा ने कहा कि सोने की कीमत बढ़ने के साथ पैन कार्ड लेनदेन की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की जरूरत है. इसके साथ ही दैनिक खरीद सीमा को भी बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की जरूरत है. इसके अलावा जीजेसी ने रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए ईएमआई की सुविधा भी बहाल करने की सिफारिश की है.
हाल ही में सरकार ने सोने-चांदी से बने सामान और सिक्कों पर 15 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी लगा दिया था. पहले यह दर 10 फीसद थी. वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक सोने-चांदी के सामान और सिक्कों पर 10 फीसद बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) और 5 फीसद एग्रीकल्चर सेस (कृषि अवसंरचना विकास उपकर) लगेगा. अधिसूचना के अनुसार नई दरें 22 जनवरी से प्रभावी हो गईं हैं. सामाजिक कल्याण अधिभार (एसडब्ल्यूसी) को इससे छूट है.