Capital Gain: टैक्सपेयर्स को Budget 2021 से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन उनके लिए बड़ी राहत की घोषणा नहीं की गई है. हालांकि कैपिटल गेन पर एक साल के लिए टैक्स में राहत दी गई है. स्टार्टअप के लिए कैपिटल गेन पर टैक्स हॉलिडे को 1 साल के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा स्टार्टअप्स के लिए टैक्स हॉलिडे को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है. अब इसकी डेडलाइन 31 मार्च 2022 तक कर दी गई है. पहले यह डेडलाइन 31 मार्च 2021 को समाप्त हो रही थी.
पीएम मोदी ने 2016 में स्टार्टअप इंडिया को लॉन्च किया था. इस प्रोग्राम के जरिए उन्होंने आंत्रप्रिन्योरशिप बढ़ाने की कोशिश की है. DPIIT की तरफ से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को टैक्स बेनिफिट मिलता है. स्टार्टअप्स को 7 सालों की अवधि में 3 साल के लिए टैक्स हॉलिडे मिला हुआ है.
इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सरकार से मान्यता प्राप्त 41061 स्टार्टअप्स हैं. इनमें से 39000 स्टार्टअप्स में 4.7 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. कैपिटल गेन (Capital Gain) पर दो तरह से टैक्स लगता है. 12 महीने तक शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) के अंतर्गत आता है. उसके बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) आता है. वर्तमान में 1 लाख तक LTCG पर टैक्स नहीं लगता है. उसके बाद 10 फीसदी की दर से टैक्स भरना पड़ता है. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर अभी 15 फीसदी का टैक्स लगता है.
75 साल से ऊपर के टैक्सपेयर्स को राहत इसके अलावा टैक्सपेयर्स के लिए एक और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 75 साल से अधिक आयु के लोगों को अब रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं है. इस व्यवस्था का फायदा वो लोग ही उठा सकते हैं, जिनकी इनकम सिर्फ पेंशन से ही है. उनकी इनकम में खुद ही टैक्स काट लिया जाएगा.
टैक्सपेयर्स को होम लोन पर भी राहत सरकार ने होम बायर्स को बड़ी राहत दी है. इससे रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी आएगी. निर्मला सीतारमण ने सेक्शन 80EEA के तहत इंट्रेस्ट पर मिलने वाली 1.5 लाख तक की अडिशनल छूट की सीमा को एक साल के लिए बढ़ा दिया है. अब इस स्कीम का फायदा 31 मार्च 2022 तक उठाया जा सकता है. पहले इस स्कीम की समय सीमा 31 मार्च 2021 को समाप्त हो रही थी.
सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए बजट 2019 में सेक्शन 80EEA को लाया था. इसके तहत इंट्रेस्ट रीपेमेंट पर 1.5 लाख रुपए की छूट अलग से मिलती है. यह छूट सेक्शन 24बी से अलग है.सेक्शन 24बी के लिए होम लोन के इंट्रेस्ट रीपेमेंट पर प्रत्येक वित्त वर्ष में 2 लाख रुपए की छूट मिलती है. सरकार ने इस बजट में भी अफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा में कोई बदलाव नहीं किया है. अफोर्डेबल हाउसिंग को सरकार ने कॉर्पेट एरिया और घर की कीमत के आधार पर वर्गीकृत किया है. होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट पर सेक्शन 80सी के तहत लाभ मिलता है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।