अंतरिम बजट में इनकम टैक्स की दरों में कोई राहत नहीं दी गई. टैक्स स्लैब को पुराने स्तर पर बरकरार रखा गया है. हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बकाए टैक्स की डिमांड से छुटकारा दिलाने का ऐलान जरूर किया है. सरकार के इस कदम से 1 करोड़ करदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है. इसे बजट की सबसे बड़ी हाईलाइट यानी खबर माना जा रहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में वैसे टैक्सपेयर्स को राहत दी, जिनके ऊपर टैक्स का बकाया चल रहा था. वित्त मंत्री ने कहा कि फाइनेंशियल ईयर 2009-10 तक के लिए जिन लोगों के ऊपर 25 हजार रुपये तक का टैक्स बकाया था, उनसे डिमांड अब खत्म हो जाएगी. इसी तरह फाइनेंशियल 2010-11 से 2014-15 तक के लिए 10 हजार रुपये तक के डायरेक्ट टैक्स बकाए से भी राहत दी गई है. वित्त मंत्री का दावा है कि इस कदम से 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा होने वाला है.
सीतारमण ने बताया कि बड़ी संख्या में कई छोटी-मोटी, गैर-सत्यापित या विवाद टैक्स डिमांड हैं. जिनमें से कई टैक्स बकाये 1962 से पहले के हैं. इसका नतीजा ये हो रहा है कि ईमानदार करदाताओं को परेशानी हो रही है और उनका रिफंड अटका हुआ है.
टैक्स रिकवरी की कॉस्ट बनी वजह?
सरकार के इस कदम के पीछे की वजह टैक्स रिकवरी में आने वाली कॉस्ट मानी जा रही है. बकाये टैक्स की रिकवरी में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अच्छा-खासा पैसा खर्च होता है. ऐसे में कई दफा छोटा-मोटा टैक्स बकाए को वसूलने के लिए भी सरकार को भारी खर्चा करना पड़ जाता है. वित्त मंत्री की ओर से छोटी रकम वाली टैक्स डिमांड को वापस लेने से टैक्सपेयर और सरकार दोनों को फायदा होगा. इस फैसले के बाद इस तरह के जितने भी मामले विभिन्न अपीलीय अदालत या कोर्ट में चल रहे हैं वो वापस हो जाएंगे.
टैक्स कलेक्शन बढ़ा, रिटर्न में लगने वाला समय घटा
वित्त मंत्री ने बजट स्पीच के दौरान टैक्स से कमाई के बारे में भी बताया है कि बीते 10 सालों में डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन डबल से ज्यादा हुआ है. रिटर्न में 2013-14 के दौरान औसतन 93 दिनों का समय लग रहा था, इसे अब 10 दिनों तक घटा दिया गया है. जीएसटी का मासिक कलेक्शन बढ़कर 2023-24 में 1.66 लाख करोड़ रुपए हो गया है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।